हंगरी के प्रधानमंत्री विक्टर ओरबान ने शनिवार 23 जुलाई 2022 को कहा कि सच्चाई यह है कि आर्थिक और राजनीतिक संकटों के चलते यूरोप चार सरकारें गँवा चुका है जबकि रूस पर लगे प्रतिबन्ध मास्को के संकल्पों को कमजोर नहीं कर पाये हैं।

“पश्चिम की रणनीति चारों पहियों में पेंचर वाली किसी कार की तरह है––– प्रतिबन्ध मास्को को डिगा नहीं पाये हैं। यूरोप आर्थिक और राजनीतिक संकट में है और चार सरकारें इसकी शिकार हो चुकी हैं–– ब्रिटेन, बुल्गारिया, इटली और एस्तोनिया––– जनता को कीमतों में तेज बढ़ोतरी झेलनी पड़ेगी। और दुनिया के बड़े हिस्से ने जान–बूझकर हमारी तरफदारी नहीं की। चीन, भारत, ब्राजील दक्षिण अप्ऱीका, अरब जगत, अप्ऱीका–– हर कोई इस युद्ध से अलग हो गया है, उनकी रुचि अपने खुद के मामलों में है” ओरबान ने ये बातें रोमानिया के शहर वेलतस्नाद में एक भाषण देते हुए कही।

ओरबान यहाँ तक कह गये कि “यूक्रेन का टकराव पश्चिम की प्रधानता का अन्त कर देगा जिससे दुनिया किसी न किसी के खिलाफ एकगुट होगी” और यह भी कि एक “बहुध्रुवीय वैश्विक व्यवस्था दरवाजे पर दस्तक देगी”।

23 जुलाई 2022 मास्को यात्रा पर गये हंगरी के विदेश मंत्री पीटर सिज्जाहुर्तो ने पत्रकारों से कहा, “रूस से गैस आपूर्ति को एक सैद्वान्तिक मसला बना लेने के बजाय यूरोपीय संघ को वास्तविकताओं के प्रति ईमानदार होना चाहिए।”

सिज्जाहुर्तो ने कहा कि “यह साबित हो चुका है कि प्राकृतिक गैस की खरीद कोई सैद्वान्तिक मुद्दा नहीं है बल्कि यह एक भौतिक मुद्दा जिसे बातचीत के जरिये सुलझाया जा सकता है”।

यूक्रेन में मास्को के अभियान के विरोध में यूरोपीय संघ अपने सदस्य देशों सेे रूस की गैस पर निर्भरता घटाने की गुजारिश कर रहा है।

यूरो अपने निम्मतम स्तर पर है जबकि रूबल पिछले दो साल के उच्च स्तर पर––

व्यापारिक आँकड़े दिखा रहे हैं कि 2022 के बाद पहली बार जुलाई में यूरो की कीमत गिरकर 1–03 डॉलर से भी नीचे चली गयी। यूरो की बिक्री 1–0296 डॉलर पर की गयी जो एक समय 1–0421 डॉलर पर था। डॉलर इन्डेक्स 106–23 अंक के साथ 1–04 प्रतिशत पर था।

यूरोपीय उ़र्जा संकट के भय यूरो पर दबाव डाल रहे हैं। नार्वे के इक्वीनोर में हड़ताल के चलते उत्पादन रुक जाने से गैस की कीमतें बढ़ गयीं। नार्ड स्ट्रीम में पहले तय मरम्मत कार्य के चलते 11 जुलाई से 21 जुलाई के बीच उत्पादन बन्द रहा। इसके चलते यूरोप के गैस फ्यूचर्स की कीमतें 6 प्रतिशत बढ़कर 1800 डॉलर प्रति हजार क्यूविक मीटर तक पहुँच गयी।

दूसरी ओर, मई में रूबल की तुलना में यूरो और डॉलर दोनों की विनिमय दर गिरी। डॉलर 2020 के बाद पहली बार गिरकर 69 रूबल पर आ गया और यूरो गिरकर 73 रूबल से भी नीचे आ गया था।

शेयर कारोबार के मामले मास्को स्टॉक एकसचेंज जहाँ रूबल में व्यापार होता है वह 0–02 प्रतिशत गिरकर 2444–67 अंक पर आ गया जबकि डॉलर में व्यापार करने वाला स्टॉक एक्सचेंज 0–087 प्रतिशत बढ़कर 1091 अंक पर आ गया।

मास्को का व्यापार–– पश्चिम के प्रतिबन्ध के बावजूद मास्को को मित्रवत देशों से व्यापार करने से नहीं रोक पाये।

रूसी विदेश मंत्रालय ने अप्रैल में ही स्पष्ट कर दिया था कि उसे उम्मीद है कि चीन के साथ मालों का लेन–देन बढ़ेगा और 2024 तक बीजिंग के साथ व्यापार बढ़कर 200 अरब डॉलर को पार कर जायेगा। इण्टरफैक्स न्यूज एजेन्सी के अनुसार रूस पर पश्चिम द्वारा लगाये प्रतिबन्धों ने उसे अपने आर्थिक सम्बन्ध तथा सहयोग पूर्व की ओर स्थानान्तरित करने पर मजबूर किया है।

मंत्रालय ने दृढ़तापूर्वक कहा है कि निश्चय ही चीनी कम्पनियाँ दूसरे स्तर के प्रतिबन्धों के प्रति सचेत हैं इसके बावजूद बीजिंग हर कीमत पर मास्को के साथ सहयोग के लिए तैयार है।

यही नहीं, पिछले महीने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जोर देकर कहा कि मास्को और तेहरान के सम्बन्ध रणनीतिक गहरे किस्म के हैं, उन्होंने इशारा किया कि रूस और ईरान के बीच पिछले साल और इस साल के शुरू के महीनों में व्यापार बढ़ा है।

अपनी ओर से ईरान के राष्ट्रपति अब्राहम रईसी ने चिन्हित किया कि रूसी ईरानी व्यापार सम्बन्ध विकसित हो रहे हैं और जोर देकर कहा कि उनके रास्ते में कोई नहीं आयेगा।

रईसी ने कहा कि दोनों देशों ने जो समझौते किये हैं उन्हें लागू किया जा रहा है। उन्होंने विशेष रूप से बताया कि कैस्पियन सागर क्षेत्र में रूस और ईरान के बीच आपसी सहयोग द्वीपक्षीय सहयोग का एक महत्वपूर्ण पहलू है।

(मंथली रिव्यू से साभार, अनुवाद– प्रवीण)