नुसरत जहाँ : फिर तेरी कहानी याद आयी
व्यंग्यनुसरत जहाँ आजकल खबरों में हैं। कभी माँग में सिंदूर सिर पर पल्लू के साथ खींचा भगवान जगन्नाथ का रथ तो कभी शपथ की शुरुआत ईश्वर के नाम पर और अन्त वंदेमातरम के साथ।
नुसरत जहाँ बंगाली अभिनेत्री रही हैं और फिलहाल तृणमूल कांग्रेस की सांसद हैं। उन्होंने हाल ही में निखिल जैन से अन्तरधार्मिक विवाह किया। संसद में अपने पहले दिन ही नुसरत अपनी मित्र और तृणमूल कांग्रेस की ही एक अन्य सांसद मिमि के साथ पाश्चात्य कपड़ों में खींची तश्वीर को लेकर चर्चा में थीं।
इन सारी चर्चाओं के शोर और चमक में धर्म, राष्ट्रवाद और संस्कृति की अजब सी चाशनी लिपटी हुई है और एक बड़ा वर्ग नुसरत से सम्मोहित है। यह सम्मोहन इतना गहरा है कि तृणमूल के विकट विरोधी संघी भी नुसरत के जयकारे में शामिल नजर आते हैं।
सहसा ही नुसरत ‘एक भारत–नेक भारत’ की ब्रांड एंबेस्डर बनी ठनी लगती हैं। पर इन सबके बीच सिसकियों का एक अन्तहीन सिलसिला भी उभर आता है। यह सिसकिया सुजैट जार्डन के अपनों की हैं। सुजैट जार्डन की हैं, जो अब जीवित नहीं हैं और जरूरी है कि नुसरत जहाँ के चर्चाे के बीच उनकी कहानी भी याद रखी जाये।
सुजैट जार्डन के बारे में बस इतना बताना नाकाफी होगा कि वह कलकत्ता के पार्क स्ट्रीट सामूहिक बलात्कार कांड की पीड़िता थीं और चलती कार में उनके साथ सामूहिक बलात्कार हुआ।
सुजैट जार्डन नें अपने बलात्कारियों के खिलाफ जब मुकदमा दायर करने की कोशिश की तो सरकार, प्रशासन और पुलिस सब उसके विरोधी हो गये।
सुजैट दो बेटियों रेहा और जेड की माँ थी और अपनी छोटी बहन निकि के लिए भी माँ थी। अपने सामूहिक बलात्कार के बाद आम तौर पर लोग टूट जाते हैं पर सुजैट अपने बलात्कार के बाद और, और! और और मजबूत होती गयीं।
द क्विंट में हरीश अय्यर ने लिखा था “उन्हें कोई नहीं रोक सका, ना तो उनका बलात्कार, न आर्थिक चुनौतियाँ, ना उनकी वैवाहिक स्थिति, ना ही उन्हें बदनाम करने का अभियान जो राज्य की मुख्यमंत्री (ममता बनर्जी) द्वारा था, ना कोई और। वह एक राजकुमारी की तरह जीई, जिन्होंने अपनी जिन्दगी को शेरनी की तरह बनाया।”
सुजैट के चलती कार में बलात्कार की खबर से कलकत्ता हिल उठा था। अपने असफल और विच्छेदित विवाह सम्बन्ध के साथ जी रहीं सुजैट आर्थिक रूप से बड़ी दयनीय दशा में जी रही थीं। उसे नौकरी की बेहद जरूरत थी। यह बात उसने कादर खान को बताई थी। कादर खान ने उसे नौकरी के सिलसिले में बातचीत और मदद का झांसा देकर एक बार से साथ चलने को कहा और कलकत्ता की बेहद वयस्त सड़क पार्क स्ट्रीट में अपने साथियों अली, नसीर, रमन खान, और सुमित बजाज के साथ चलती कार में उनके साथ बेहद पाशविकता से बलात्कार किया।
सुजैट की परिस्थितियों में जी रही किसी महिला के लिए ऐसे मामले में खड़ा होना भी कठिन होता पर सुजैट अपने बलात्कारियों के खिलाफ खड़ी हो गयीं। उनकी सुनने को कोई न था। कलकत्ता पुलिस कमिश्नर रंजीत पचनंदा ने मामले को ‘पुलिस और सरकार की छवि धूमिल करने का अभियान’ कहकर खारिज करने की कोशिश की। मामले पर शोर बढ़ा तो सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस इसमे कूद पड़ी और सुजैट को एक धंधेवाली औरत साबित करने की कोशिशें शुरू हो गयीं। तृणमूल कांग्रेस की नेता काकोली घोष दस्तीदार नें कहा “यह बलात्कार का नहीं बल्कि एक औरत और उसके ग्राहकों के बीच गलतफहमी का मामला है।”
मामले में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी आदतन कूद पड़ी और उन्होंने पूरे मामले को ‘फर्जी और गढ़ा हुआ’ बता दिया। पर सुजैट अड़ गयीं। बलात्कारी प्रभावशाली थे, मुख्यमंत्री, राजनीतिज्ञों, शीर्ष नौकरशाहों के विरोध के बीच एक महिला आईपीएस दमयन्ती सेन ने सुजैट का साथ देकर मामले को हल कर दिया। दमयन्ती सेन ने मामले के सबूतों को नष्ट न होने दिया और साबित किया कि सुजैट के साथ बन्दूक की नोक पर अभियुक्तों नें बलात्कार किया था। दमयन्ती सेन की वजह से अभियुक्तों को सजा हुई और इस वजह से ममता बनर्जी नें दमयन्ती का तबादला कलकत्ता की ज्वाइंट कमिश्नर आफ पुलिस से एक कम महत्त्वपूर्ण भूमिका में कर दिया।
पर इस सारे मामले के दौरान, मुख्य अभियुक्त कादर खान फरार रहा। उसकी शादी अपनी प्रेमिका से तय थी कि बलात्कार कांड में उसकी संलिप्तता सामने आयी और उसकी शादी टल गयी।
वह चार वर्ष तक फरारी के बाद सितम्बर 2016 में पकड़ा गया। उसकी गिरफ्तारी के बाद पता चला कि इस दौरान वह निरन्तर अपनी प्रेमिका के सम्पर्क में रहा और उसकी प्रेमिका उसकी फरारी में मदद करती रही थी।
कलकत्ता पुलिस ने कादर खान की प्रेमिका से कादर खान के सम्बन्ध में पूछताछ की थी और उसने हमेशा उससे किसी सम्पर्क या जानकारी से इन्कार किया था पर कादर खान की गिरफ्तारी के बाद हुई पुलिस जाँच में आश्चर्यजनक रूप से उसकी प्रेमिका न सिर्फ उसकी फरारी में मददगार साबित हुई बल्कि उनके साथ साथ होटल में ठहरने और कादर खान के लिए फरारी के दौरान टिकट की व्यवस्था करने में भी शामिल मिली।
यह हैरतअंगेज बात थी कि खूब सारे साक्ष्य मिलने के बाद भी पुलिस ने कादर खान की प्रेमिका को अभियुक्त नहीं बनाया।
बलात्कारी कादर खान की सहयोगी प्रेमिका बंगाली सिनेजगत की विख्यात अभिनेत्री नुसरत जहाँ थी। जो ममता बनर्जी की करीबी थी।
यह वही नुसरत जहाँ थी, जो आज तृणमूल कांग्रेस की सांसद है। जिस महिला को कानूनन सलाखों के पीछे होना चाहिए था वह आज देश की संसद की एक आदरणीय सदस्य है और अपनी अदाकारी के जलवे और भंगिमाओं से अपने विरोधियों को भी मुग्ध कर रही है।
आज नुसरत जहाँ के चर्चे हैं! पर इन चर्चाओं के बीच नुसरत के बरअक्स अपने लिए मानवीय गरिमा के साथ जीने की लड़ाई लड़ने वाली सुजैट जार्डन भी है।
सुजैट जार्डन, जिसने बीबीसी से अपने एक इंटरव्यू में कहा था “अपनी वास्तविक पहचान छिपाते–छिपाते मैं थक चुकी हूँ। मैं समाज के कायदे कानून से थक चुकी हूँ। मैं बलत्कृत हूँ लिहाजा डरी सहमी रहनेे की इस यंत्रणा से थक चुकी हूँ। बस अब बहुत हुआ!
मेरा नाम सुजैट जार्डन है!”
एक तरफ कुछ लोग हैं, जिनकी नायिका नुसरत जहाँ है तो उनके बरअक्स भी लोग हैं, बेशक एक अकेला ही क्यों न हो, जिनकी नायिका सुजैट जार्डन है और वहाँ नुसरत जहाँ खलनायिका थीं और हैं।
(कश्यप किशोर मिश्र की फेसबुक वॉल से साभार)
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