ऑस्ट्रेलियाई सुरक्षा बल ने अफगानिस्तान में चार साल की कार्रवाई के बारे में अपनी बेहद संशोधित और काट–छाँट कर तैयार की गयी एक रिपोर्ट जारी की है जिसमें बताया गया है कि ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों ने अफगानिस्तान के 39 कैदियों, किसानों, और नागरिकों की हत्या की। यह भी सुनने को मिला कि ऑस्ट्रेलियाई रक्षा मंत्री लिण्डा रेनॉल्ड्स इस रिपोर्ट के सदमें में बीमार पड़ गयीं। इस सम्बन्ध में युद्ध अपराध की वारदात के बारे में चल रही जाँच के दौरान ही वहाँ तैनात 9 ऑस्ट्रेलियाई सैनिकों ने आत्महत्या की। ऑस्ट्रेलियाई सेना ने सफाई दी कि इसका अफगानिस्तान में की गयी हत्याओं से कोई सम्बन्ध नहीं है। कुछ पुराने सैनिकों ने इसकी वजह युद्ध क्षेत्रों में मानसिक तनाव और खास तौर पर युद्ध अपराध की जाँच के दौरान मीडिया में आने वाली रिपोर्ट है। जबकि सच्चाई यह है कि ऐसी घटनाओं को दबाने का साम्राज्यवादी देशों द्वारा भरपूर प्रयास किया जाता है और बमुश्किल कभी युद्ध अपराध की कोई रिपोर्ट सामने आती है।

शान्ति सैनिक के नाम पर अफगानिस्तान, इराक और सीरिया जैसे देशों में भेजे जाने वाले नाटो संधि के देशों के सैनिकों द्वारा वहाँ निहत्थे और निर्दाेश नागरिकों की हत्या रोजमर्रे की घटनाएँ हैं। हालाँकि युद्ध अपराध या कत्लोगारत में लिप्त इन सैनिकों की अपनी जिन्दगी भी तबाह होती है। उनकी शादी टूटना, पारिवारिक कलह, नशाखोरी और आत्महत्या या फिर झड़प के दौरान मौत ही उनकी जिन्दगी का हासिल है। वे या तो मरते हैं या मारते हैं। यही उनका पेशा है। मूलनिवासियों का खात्मा करने वाले अमरीकी–ऑस्ट्रेलियाई शासकों का इतिहास और वैभव युद्ध अपराध पर ही टिका है। अपने देश के पूँजीपतियों का मुनाफा बढ़ाने के लिए किसी न किसी बहाने दुनिया के तमाम देशों पर युद्ध थोपने वाले साम्राज्यवादी देशों के शासक बुश, ब्लेयर, मोरिसन, मैकरोन, ओबामा अपने देश के सैनिकों को तोप का चारा बनाकर दुनियाभर में भेजते हैं। ये शासक सत्ता में रहते हुए और सत्ता से बाहर हो जाने के बावजूद विलासिता पूर्ण जीवन जीते हैं, ये कभी आत्महत्या नहीं करते। इन असली युद्ध अपराधियों पर कोई मुकदमा नहीं चलता, कभी सजा नहीं होती।

जब तक साम्राज्यवाद रहेगा तब तक युद्ध होते रहेंगे। दो विश्व युद्ध के दौरान लाखों लोगों की मौत और तबाही का जिम्मेदार यही लुटेरी साम्राज्यवादी विश्व व्यवस्था है। दूसरे विश्व युद्ध के बाद भी ऐसा कोई दिन नहीं गुजरा जब धरती के किसी न किसी कोने में युद्ध और युद्ध अपराध की घटना नहीं हुई हो।