अनियतकालीन बुलेटिन

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अंक 40, अप्रैल 2022

संपादकीय

रूस–यूक्रेन युद्ध की विनाशलीला : युद्ध नहीं, शान्ति! लूट नहीं, क्रान्ति!! लेकिन कैसे ?

यूक्रेन पर रूसी हमला शुरू हुए आज एक महीने से भी ज्यादा समय बीत चुका है। इस युद्ध के विनाशकारी परिणामों का सही अनुमान लगाना सम्भव नहीं, लेकिन जो भी जानकारियाँ मिल रही हैं वे दिल दहला देने वाली हैं। संयुक्त राष्ट्र संघ के आँकड़ों के मुताबिक 24 फरवरी, 2022 के बाद इस हमले में...

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देश विदेश के इस अंक में

राजनीतिक अर्थशास्त्र

क्रिप्टो करेंसी –– साम्राज्यवादी ताकतों के शोषण का हथियार

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क्रिप्टो करेंसी छद्म, आभासी और डिजिटल मुद्रा है। यह कानूनी रूप से स्वीकार्य (लीगल टेंडर) नहीं है। हाल ही में, पहली क्रिप्टो करेंसी बिटक्वाइन जो 2009 में आयी थी, उसका मूल्य 51 लाख रुपये तक पहुँच गया है, जो इस छद्म मुद्रा के अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ते कारोबार और लेन–देन… आगे पढ़ें

निजीकरण की राह पर रेलवे

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भारतीय रेल प्रतिदिन ऑस्ट्रेलिया की पूरी आबादी के बराबर यानी ढाई करोड़ लोगों को एक छोर से दूसरे छोर तक पहुँचाती है। 34 लाख मीट्रिक टन माल की प्रतिदिन ढुलाई करती है। यह पर्यावरण के लिए भी सुरक्षित है और कम खर्चीली सेवा है। इसके पास 76 हजार किलोमीटर की ट्रैक, 7,350 स्टेशन, 13 लाख… आगे पढ़ें

स्मार्ट फोन : पूँजीवादी लूट का औजार

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बोलचाल की आम भाषा में श्रम करने का अर्थ शारीरिक परिश्रम करने वाले काम से लिया जाता है। आम जनता श्रम के अन्य रूपों पर बहुत कम ध्यान देती है। लूट का अर्थ है–– श्रमिकों से अधिक काम लेना और कम भुगतान करना तथा इस प्रकार लूट का अर्थ अपना मुनाफा कमाने से लिया जाता है। ऐसी… आगे पढ़ें

राजनीति

चुनावी ढकोसले के पीछे सत्ता का जन विरोधी चेहरा

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पूरे फरवरी महीने और मार्च के पहले सप्ताह तक पाँच राज्यों के चुनाव का आठ चरणों में होना कोई अचरज की बात नहीं है और न ही चार राज्यों में भाजपा की सरकार बनना ही कोई अचरज की बात है। सबसे आश्चर्य की बात तो यह है कि अधिकांश स्वनामधन्य चुनावी विश्लेषक इस बात से हैरान हैं कि इतनी महँगाई,… आगे पढ़ें

नागालैंड में मजदूरों का बेरहम कत्लेआम

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लम्बे समय से उत्पीड़न का शिकार भारत के उत्तर–पूर्वी राज्य नागालैंड में एक और दिल दहला देने वाली घटना घटी है। 4 दिसम्बर 2021 की शाम 21वीं पैरा कमांडो की फौजी टुकड़ी ने काम से लौट रहे मजदूरों पर अचानक हमला कर दिया। ये मजदूर मोन जिले की थीरू घाटी में स्थित नागिनिमोरा कोयला… आगे पढ़ें

श्रद्धांजलि

एजाज अहमद : एक प्रतिबद्ध बुद्धिजीवी का जाना 

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एक उत्कृष्ट जनपक्षधर, अन्तरराष्ट्रीय बुद्धिजीवी एजाज अहमद का 9 मार्च को इरविन, कैलिफोर्निया में निधन हो गया। उन्होंने न केवल समकालीन दुनिया की विभिन्न घटनाओं का मार्क्सवादी दृष्टिकोण से विश्लेषण किया, बल्कि मार्क्सवाद पर किये जानेवाले हमले और घुसपैठ से मार्क्सवादी सिद्धान्त… आगे पढ़ें

व्यंग्य

चरणों में कैसे आ गये ?

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  –– विष्णु नागर आप तो जी, ‘मास्टरस्ट्रोक पर मास्टरस्ट्रोक’ मार रहे थे न, फिर अचानक क्या हुआ गुरूपर्व के दिन सुबह–सुबह आपने तो तीनों काले कृषि कानून वापस लेने की घोषणा कर दी! अकड़े हुए थे तो ऐसे कि जैसे कभी झुकेंगे नहीं, झुकना जानते ही नहीं।… आगे पढ़ें

विचार-विमर्श

उत्तर–आधुनिकतावाद और मौजूदा व्यवस्था के कुतर्क

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(पूंजीवादी राजनीतिक प्रबन्धकों का तिकड़म, साम्राज्यवादी तबाही पर पर्दा डालने की एक घिनौनी कोशिश)   उत्तर आधुनिकतावादी विचारों की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि मध्य युग में सामन्तवादी शोषण से पीड़ित जनता ने सामन्तवाद के विरुद्ध विद्रोह की अलख जगा दी थी। चर्च की निरंकुशता चरम पर पहुँच… आगे पढ़ें

वैज्ञानिकों की गहरी खामोशी

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भारत के पहले खगोल भौतिकविज्ञ और निर्वाचित सांसद मेघनाद साहा ने दिसम्बर 1954 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू को लिखा था–– “मेरा आपसे निवेदन है कि आप बिलकुल इयागो’ जैसे लोगों की बातों में आकर अपनी डेसडेमोनाओं का गला मत घोंटिये। मुझे कभी–कभी लगता है… आगे पढ़ें

अन्तरराष्ट्रीय

पश्चिमी साम्राज्यवादियों ने यूक्रेन युद्ध को अपरिहार्य बना दिया

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सोवियत संघ के विघटन और आर्थिक संकट से घिरे रूस के पुन: उभार से पूरी दुनिया में और खासतौर पर पूर्वी यूरोप में एक नये शक्ति सन्तुलन के निर्माण की शुरुआत हो गयी जो अभी जारी है। मौजूदा रूस–यूक्रेन युद्ध इसी का हिस्सा है। यह युद्ध संकटग्रस्त पश्चिमी साम्राज्यवादियों (अमरीका,… आगे पढ़ें

यूक्रेन संकट : अमरीकी चौधराहट वाली विश्व व्यवस्था में चौड़ी होती दरार

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रूस का यूक्रेन पर हमला वैश्विक महत्त्व की घटना है और 21वीं सदी के इतिहास का एक निर्णायक मोड़ है। यह विश्व समीकरण में बदलाव की शुरुआत का संकेत है। इसके साथ ही यह हमला यूक्रेनी जनता पर कहर बरपा रहा है और 21वीं सदी के सबसे बड़े शरणार्थी संकट को जन्म दे रहा है। यूक्रेन संकट ने साफ… आगे पढ़ें

रूस–चीन धुरी और अमरीकी खेमे के बीच बढ़ती दुश्मनी के भावी परिणाम

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फरवरी के अन्तिम सप्ताह में ‘फॉरेन पॉलिसी जरनल’ ने एक लेख छापा–– “वाशिंगटन मस्ट प्रीपेयर फॉर वार विद बोथ रशिया एण्ड चाइना”। इसके लेखक मैथ्यू क्रोएनिग ‘स्कोक्राफ्ट सेन्टर फॉर स्ट्रेटेजी एण्ड सिक्यूरिटी–अटलांटिक काउंसिल’ के… आगे पढ़ें

समाचार-विचार

10 साल बाद मारुति के मजदूर नेताओं की जमानत

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लगभग 10 साल के लगातार संघर्षों के बाद कोर्ट ने मानेसर के मारुति सुजुकी विवाद में उम्र कैद की सजा काट रहे 13 में से अधिकांश मजदूर नेताओं को जमानत दे दी है। कम्पनी ने 2006 में अपना नया प्लांट मानेसर में लगाया और उसमें 23 साल से कम आयु के मजदूरों की ही भर्ती की जिससे कम्पनी का… आगे पढ़ें

उत्तर प्रदेश में मीडिया की घेराबन्दी

(पत्रकारों पर हमले के बारे में ‘काज’ समिति की रिपोर्ट) पत्रकारों पर हमले के विरुद्ध समिति (काज) ने उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण के मतदान की पूर्व संध्या पर बुधवार को चैंकाने वाले आँकड़े जारी किये। समिति की रिपोर्ट ‘मीडिया की घेराबन्दी’ के… आगे पढ़ें

कोरोना वैक्सीन : महामारी के समय मुनाफे का जैकपॉट

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15 फरवरी 2022 को ‘मेडिकल प्रेस’ की रिपोर्ट के अनुसार, अक्टूबर 2021 तक बनायी गयी कुल वैक्सीन का सिर्फ 0–7 प्रतिशत ही गरीब और कम आय वाले देश के लोगों को दिया गया। दूसरी तरफ, ज्यादा आय वाले देशों को इसका 47 गुना दिया गया। यहाँ ध्यान देने वाली बात है कि वैक्सीन… आगे पढ़ें

जनविरोधी यूनियन बजट 2022

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आज देश में महँगाई, भुखमरी और बेरोजगारी सबसे बड़ी समस्या बन गयी हैं। करोड़ों की संख्या में काम करने वाले हाथ खाली हैं। नोटबंदी और लॉक डाउन की दोहरी मार ने मजदूर वर्ग की कमर तोड़ दी है। ऐसे में बजट का बड़ा हिस्सा देश में नये रोजगार पैदा करने के लिए होना चाहिए था। लेकिन दुर्भाग्य,… आगे पढ़ें

जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस की गुपचुप खरीद का खुला रहस्य

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हाल ही में प्रकाशित न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट ने खुलासा किया है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुप्त तरीके से 300 करोड़ रुपये में इजराइल से पेगासस नामक जासूसी सॉफ्टवेयर खरीदा है। यह खरीद प्रधानमंत्री ने 2017 में अपनी इजराइल यात्रा के दौरान की थी। उस यात्रा के दौरान भारत… आगे पढ़ें

त्रिपुरा हिंसा की वह घटना जब तस्वीर लेना ही देशद्रोह बन गया!

26 अक्टूबर को त्रिपुरा राज्य के चमटीला में विश्व हिन्दू परिषद (वीएचपी) ने एक रैली निकाली थी। यह रैली बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हो रहे हमलों के विरोध मेंे निकाली थी। जल्द ही हिन्दू परिषद के कार्यकर्ता मुसलमान विरोधी नारे लगाने लगे और रैली ने उग्र रूप धारण कर लिया। शाम होते–होते… आगे पढ़ें

नफरती भाषणों के जरिये भारत को रवांडा बनाने की कोशिश

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हिन्दुत्ववादियों पर भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाने का नशा सवार हो गया है। ये नशा देश को सिर्फ और सिर्फ तबाही और बर्बादी की तरफ ले जायेगा। हिन्दुत्ववादी संगठनों और उनके नेताओं द्वारा अल्पसंख्यकों, खासकर मुसलमानों के प्रति लगातार नफरत परोसी जा रही है। आइए, हिन्दुत्ववादी संगठनों… आगे पढ़ें

पेगासस स्पायवेयर: जासूसी हमेशा दुश्मनों की करायी जाती है!

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द वाशिगंटन पोस्ट और 16 मीडिया संस्थानों ने एक बड़ा खुलासा किया है–– जिसका नाम है पेगासस स्पायवेयर। जाँच में सामने आया है कि दुनियाभर से 50,000 मोबाइल नम्बरों की एक सूची निकली, इस सूची के कुछ नम्बरों की जासूसी की जा रही थी तथा नम्बरों की जासूसी की जानी थी। भारत में… आगे पढ़ें

भारत में अमीरी–गरीबी की बढ़ती खाई

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पिछले दिनों विश्व असमानता रिपोर्ट जारी हुई थी। इस रिपोर्ट को ‘वर्ल्ड इनइक्वैलिटी लैब’ के सह निदेशक लुकस चोसेल ने फ्रांस के अर्थशास्त्री थॉमस पिकेटी के सहयोग से तैयार किया है। इस रिपोर्ट का उद्देश्य दुनिया भर में असमानता को उजागर करना है। इसके अनुसार भारत दुनिया के… आगे पढ़ें

भारत में बेघर लोगों की स्थिति

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“तुम्हारी फाइलों में गाँव का मौसम गुलाबी है  मगर ये आँकडें झूँठे हैं, ये दावा किताबी है।” अदम की उक्त पंक्तियाँ देश की अर्थनीति और राजनीति के बारे में स्पष्टता और साफगोई दिखती है। बीते दिनों प्रधानमंत्री ने अपना जो अभिभाषण संसद में दिया, उसमें उन्होंने गरीबों… आगे पढ़ें

विश्व असमानता रिपोर्ट के मायने

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बीते दिसम्बर माह में विश्व असमानता रिपोर्ट (डब्लूआईआर) 2022 आयी। जिसने बताया कि दुनिया भर में अमीरी और गरीबी के बीच खाई तेजी से बढ़ी है। वहीं भारत में इस खाई का अन्तराल हिन्द महासागर और हिमालय पर्वत के अन्तर जैसा हो गया है। आँकड़े बताते हैं कि जहाँ एक ओर धनकुबेरो की संख्या बढ़ी… आगे पढ़ें

शिक्षा में बायजू का बढ़ता एकाधिकार

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पिछले साल जुलाई में ‘बायजू क्लासेज’ नामक ऑनलाइन एजूकेशन कम्पनी ने 7300 करोड़ रुपये में ‘आकाश इंस्टीट्यूट’ नामक एक कोचिंग संस्थान को खरीद लिया। आकाश इंस्टीट्यूट इंजीनियरिंग और मेडिकल की प्रवेश परीक्षाआंे की तैयारी करवाने वाला नामी–गिरामी कोचिंग संस्थान… आगे पढ़ें

हम इस फर्जी राष्ट्रवाद के सामने नहीं झुकेंगे

मैं पिछले 20 साल से बच्चों को पढ़ा रहा हूँ। मैं एक मुसलमान हूँ, यह बात हरदम मेरे दिमाग में घूमती रहती है। पिछले कुछ सालों से हमारे देश पर एक फर्जी राष्ट्रवाद का भूत सवारी गाँठ रहा है और असली देशभक्तों को ठिकाने लगाने पर आमादा है। हमारे देशभक्त होने की परिभाषाएँ बहुत नीचे गिरा… आगे पढ़ें

हुकुम, बताओ क्या कहूँ जो आपको चोट न लगे।

हम एक बेहद नाजुक सरकार की गुलामी में जी रहे हैं। कुछ दिन पहले कॉमेडियन “मुन्नवर फारूकी” के मजाक से सरकार को चोट लग गयी। देश की संस्कृति पर खतरा मँडराने लगा, गली–मोहल्ले के संस्कृतिरक्षक आग बबूला हो गये। लिहाजा मुन्नवर फारूकी को जेल की हवा खिलायी गयी। जेल से… आगे पढ़ें

“भारत भगाओ” के रास्ते पर मालदीव

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मालदीव के पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल्लाह यामेन अपने राष्ट्र से भारत को भगाने के लिए आजकल एक अभियान का नेतृत्व कर रहे हंै। पिछले कई महीनों से “भारत भगाओं” आन्दोलन मालदीव में जोर पकड़ता जा रहा है। भारत में मुस्लिमों के खिलाफ होने वाली घटनाएँ और बयानबाजी इस अभियान में र्इंधन… आगे पढ़ें