अनियतकालीन बुलेटिन

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अंक 29, अगस्त 2018

संपादकीय

घृणा की राजनीति : सवाल विचारधारा का ही है

हमारा देश एक विकट अफरातफरी और अराजकता की गिरफ्त में है। चार साल पहले भाजपा गठबन्धन सरकार के सत्ता में आने के बाद से देश का चैतरफा संकट गहराता जा रहा है। महँगाई, बेरोजगारी, भुखमरी और बदहाली लगातार बढ़ती जा रही है। सामाजिक ताना–बाना तनावग्रस्त है और छिन्न–भिन्न होने की ओर बढ़ रहा है। साम्प्रदायिक–जातीय...

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देश विदेश के इस अंक में

सामाजिक-सांस्कृतिक

महिलाओं के लिए भारत सबसे असुरक्षित देश

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26 जून 2018 को ‘द थॉमसन रॉयटर्स फाउंडेशन’ द्वारा जारी रिपोर्ट में भारत को महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित देश बताया गया है। इसमें महिलाओं से जुड़े मुद्दों पर 550 महिला विशेषज्ञों की राय ली गयी और उन्हें संयुक्त राष्ट्र के कुल 193 सदस्य देशों में से महिलाओं के लिए सबसे… आगे पढ़ें

जीवन और कर्म

साधारण मनुष्य की उम्मीद का कवि वीरेन डंगवाल

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––मंगलेश डबराल ‘इन्हीं सड़कों से चल कर आते हैं आततायी/ इन्हीं सड़कों से चल कर आयेंगे अपने भी जन।’ वीरेन डंगवाल ‘अपने जन’ के, इस महादेश के साधारण मनुष्य के कवि हैं। वे उन दूसरे प्राणियों और जड़–जंगम वस्तुओं के कवि भी हैं जो हमें रोजमर्रा… आगे पढ़ें

राजनीतिक अर्थशास्त्र

आर्थिक संकट के भंवर में भारत

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गरीब लहरों पे पहरे बिठाये जाते हैं समन्दरों की तलाशी कोई नहीं लेता                       – वसीम बरेलवी वसीम बरेलवी का यह शेर इशारा करता है कि देश में जारी आर्थिक संकट… आगे पढ़ें

पेट्रोल और डीजल के बढ़ते दाम

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पहले जब अन्तरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमत बढ़ती थी तो भारत में पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ जाते थे और घटने पर घट जाते थे। लेकिन अब ऐसा नहीं होता है, अन्तरराष्ट्रीय स्तर में पर दाम बढ़े या घटे दोनों ही सूरतों में तेल के दाम लगाकर बढ़ते जा रहे हैं। देश में पेट्रोल 84 रुपये… आगे पढ़ें

भारत के आर्थिक विकास दर की हकीकत

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अखबारों में आये दिन यह खबर आती है कि भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती हुई अर्थव्यवस्था है, जबकि भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन और कई अन्य अर्थशास्त्रियों ने भारत की आर्थिक विकास दर की विश्वसनीयता पर सवाल उठाया है। 28 जनवरी 2016 को इंदिरा गाँधी इंस्टिट्यूट ऑफ… आगे पढ़ें

राजनीति

असम में 40 लाख लोगों की नागरिकता संकट में

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(प्रभावितों में मुसलमान ही नहीं हिन्दू भी शामिल) असम में रह रहे तकरीबन 40 लाख लोगों के लिए 30 जुलाई का दिन एक आपदा से कम न था। ये वे मनुष्य हैं जिनकी भारतीय नागरिकता संदिग्ध हो गयी है क्योंकि उच्चतम न्यायालय के आदेश के अनुसार तैयार की गयी राष्ट्रीय नागरिक सूची में उनका नाम नहीं… आगे पढ़ें

तूतिकोरिन जनसंघर्ष का बर्बर दमन

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22 मई 2018 को तमिलनाडु के तूतिकोरिन (तुतुकुड़ी) में वेदान्ता रिसोर्सेस की ताम्बा फैक्ट्री, स्टारलाईट इंडस्ट्रीज  के खिलाफ हजारों लोग प्रदर्शन कर रहे थे। जब प्रशासन ने उनकी बात अनसुनी कर दी तो उन्होंने पुलिस बैरिकेड तोड़कर कलेक्टर के दफ्तर में घुसने के कोशिश की। प्रशासन की… आगे पढ़ें

व्यंग्य

प्रेमचन्द के फटे जूते 

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प्रेमचन्द का एक चित्र मेरे सामने है, पत्नी के साथ फोटो खिंचा रहे हैं। सर पर किसी मोटे कपडे़ की टोपी, कुर्ता और धोती पहने हैं। कनपटी चिपकी है, गालों की हड्डियाँ उभर आयी हैं, पर घनी मूँछे चेहरे को भरा–भरा बतलाती हैं। पाँवों में कैनवस के जूते हैं, जिनके बन्द बेतरतीब बन्धे… आगे पढ़ें

पर्यावरण

कुडानकुलम नाभिकीय संयंत्र : मौत का कारखाना

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हाल ही में भारत सरकार ने अमरीकी मूल की सामाजिक कार्यकर्ता कासा एलिजाबेथ को कुडानकुलम पर कला प्रदर्शनी लगाने के आरोप में देश से निकाल दिया और दुबारा भारत आने पर रोक तक लगा दी। एलिजाबेथ पिछले 14 सालों से तमिलनाडु के पांडिचेरी में रह रही थी। वह ‘पांडीआर्ट’ नाम से एक… आगे पढ़ें

मीडिया

मीडिया का असली चेहरा

किसी भी लोकतांत्रिक देश के तीन मुख्य आधार स्तम्भ माने गये हैं–– विधायिका, कार्यपालिका और न्यायपालिका, इसके बाद चैथा स्तम्भ माना जाता है–– मीडिया, जो बाकी के स्तम्भों पर नजर रखता है। इसलिए इसे लोकतंत्र का प्रथम प्रहरी भी कहा जाता है। मीडिया किसी भी राष्ट्र… आगे पढ़ें

विचार-विमर्श

सरकार और न्यायपालिका : सम्बन्धों की प्रकृति क्या है और इसे कैसे विकसित होना चाहिए

––प्रो– फैजान मुस्तफा भारतीय न्यायपालिका एक संकट की गिरफ्त में है। कई सालों से, कार्यपालिका इसे सीमा लाँघने का दोषी ठहरा चुकी है–– और अब यह अपने सर्वोच्च निकाय में अप्रत्याशित फूट का सामना कर रही है। इस साल के शुरू में चार वरिष्ठ न्यायाधीश, प्रमुख… आगे पढ़ें

अन्तरराष्ट्रीय

21वीं सदी में सैन्यवाद का उठता ज्वार

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(क्लिन्टन, बुश और ओबामा से ट्रम्प तक) ––जेम्स पेत्रास 21वीं सदी के पहले दो दशकों में अमरीकी सैन्यवाद बहुत तेजी से फैला और इसे डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन दोनों के राष्ट्रपतियों द्वारा गले लगाया गया। राष्ट्रपति ट्रम्प के द्वारा सैन्य खर्च में बढ़ोतरी के बारे में मीडिया… आगे पढ़ें

अमरीका–ईरान समझौते का शिशु–वध

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8 मई को अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ईरान के साथ 2015 में हुए परमाणु समझौते को तोड़ने की एकतरफा घोषणा कर दी। ट्रम्प का कहना था, “मेरे लिए यह स्पष्ट है कि हम इस समझौते के साथ रहकर ईरान को  परमाणु बम बनाने से नहीं रोक सकते हैं। ईरान समझौता मूल रूप से दोषपूर्ण… आगे पढ़ें

अमरीकी चैधराहट के खिलाफ जी–7 में विक्षोभ

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जी–7 देशों का 44वाँ सम्मेलन 8.9 जून 2018 को कनाडा के ला मेलबेई में सम्पन्न हुआ। जी–7 के बाकी देशों के साथ अमरीका के मतभेद इस सम्मेलन में सतह पर आ गये। इतना ही नहीं सम्मेलन में अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के गैर–जिम्मेदाराना व्यवहार ने अमरीका के पारम्परिक… आगे पढ़ें

पश्चिम एशिया में निर्णायक मोड़

––राकेश सूद अरब स्प्रिंग के बाद, अन्दरूनी और बाहरी क्षेत्रों में नये तरह के काले बादलों ने पश्चिमी एशिया के फिलिस्तीन और इजराइल के लम्बे संघर्ष को ढंक लिया है। इराक से शुरू हुए इस्लामी राज्य और उसकी उपशाखाओं के खिलाफ लड़ाईय सीरिया संघर्ष जो अमरीका, रूस, ईरान और तुर्की… आगे पढ़ें

वेनेजुएला के चुनाव में मादुरो की पुनर्वापसी

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1998 की बोलिवेरियन क्रान्ति के बाद से ही वेनुजुएला काँटे की तरह साम्राज्यवादी अमरीका की आँखों में चुभता रहा है। इस क्रान्ति ने अमरीकापरस्त सरकार को सत्ता से बाहर कर दिया और ह्युगो शावेज के नेतृत्व में नयी सरकार बनी। वेनेजुएला की अर्थव्यवस्था तेल पर ही निर्भर है। नयी सरकार ने… आगे पढ़ें

समाचार-विचार

आयुष्मान भारत योजना : जनता या बीमा कम्पनियों का इलाज?

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फरवरी 2018 में वित्तमंत्री अरुण जेटली ने ‘आयुष्मान भारत योजना’ की घोषणा करते हुए कहा था कि इस योजना से 10 करोड़ गरीब जरूरतमन्द परिवारों को इलाज के लिए आर्थिक मदद मिलेगी। यह एक बीमा योजना है, जिसमें 1100–1200 रुपये सालाना प्रीमियम भरना होगा। इसका ज्यादातर हिस्सा… आगे पढ़ें

एबीवीपी की अराजकता

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26 जून 2018 को गुजरात के कच्छ विश्वविद्यालय में आरएसएस की छात्र शाखा अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के नेताओं ने छात्र चुनाव में धाँधली का आरोप लगाते हुए एक प्रोफेसर के मुँह पर कालिख पोत दी। विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर चन्द्रसिंह जडेजा ने बताया कि एबीवीपी छात्रों का… आगे पढ़ें

ऑनलाइन कम्पनी फ्लिपकार्ट का वालमार्ट से गठजोड़

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खुदरा व्यापार के क्षेत्र में दुनिया भर में दैत्य के नाम से बदनाम वालमार्ट कम्पनी इन्टरनेट के माध्यम से कारोबार करनेवाली कम्पनी फ्लिपकार्ट से गठजोड़ कर रही है। वालमार्ट का यह कदम भारत में ऑनलाइन व्यापार में अपनी जगह बनाने और यहाँ के बाजार पर पूरी तरह से कब्जा करने के इरादे से… आगे पढ़ें

गहराता कश्मीर संकट

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एक पुरानी अरबी कहावत है कि बादल वादे की तरह होते हैं और बारिश उनका पूरा होना। कश्मीर की सियासत पर बादल तो बहुत छाये लेकिन बारिश का इन्तजार करती आवाम आसमान को ही ताकती रह गयी। 19 जून को भाजपा–पीडपी का अपवित्र गठबन्धन टूट जाने के बाद जम्हूरियत के बादलों के रहे–सहे… आगे पढ़ें

गौरी लंकेश की हत्या का खुलासा

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5 सितम्बर 2017 को बेंगलुरू की जानी–मानी पत्रकार गौरी लंकेश की गोली मारकर हत्या कर दी गयी थीं। वे बेंगलुरू से प्रकाशित होनेवाली “लंकेश” पत्रिका की सम्पादक थीं। इस पत्रिका के प्रकाशन का काम उनके पिता लंकेश ने शुरू किया था। उनकी मृत्यु के बाद इस पत्रिका के संचालन… आगे पढ़ें

जल संकट पर नीति आयोग की चैकाने वाली रिपोर्ट

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हाल ही में नीति आयोग ने ‘समग्र जल प्रबन्धन सूचकांक’ रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट ने जल प्रबन्धन को लेकर भारतीय शासक वर्ग की गम्भीरता की पोल खोलकर रख दी और देश में जल संकट की भयावह तस्वीर प्रस्तुत की। जल प्रबन्धन की दुर्दशा का अन्दाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि… आगे पढ़ें

बुराड़ी में 11 लोगों की सामूहिक आत्महत्या

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2 जुलाई 2018 को दिल्ली के बुराड़ी क्षेत्र में एक ही परिवार के ग्यारह लोगों की सामूहिक आत्महत्या की घटना ने सबको स्तब्ध कर दिया। मोक्ष या स्वर्ग प्राप्ति के लिए ये कोई पहली या आखिरी घटना नहीं है। इससे पहले राजस्थान के कोटा में एक ही परिवार के तीन सदस्यों ने ट्रेन के सामने कूदकर… आगे पढ़ें

बुलेट ट्रेन परियोजना का विरोध

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18 जुलाई 2018 को गुजरात के भरूच जिले के किसानों ने जापान के प्रधानमंत्री को एक पत्र भेजा। उस पत्र में बुलेट ट्रेन परियोजना को बन्द करने के लिए कहा गया था। इस परियोजना को बन्द करके ही किसानों को तबाही से बचाया जा सकता है। सरकार ने किसानों के भारी विरोध के बावजूद परियोजना को हरी… आगे पढ़ें

बैंकों की बिगड़ती हालत

कुछ महीने पहले रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया (आरबीआई) ने 11 सरकारी बैंकों को त्वरित सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) सूची में डाला था क्योंकि इन बैंकों की गैर–निष्पादित सम्पदा (एनपीए) लगातर बढ़ती जा रही है, यानी इन बैंकों के बड़े कर्जों के वापस आने की रफ्तार लगभग बन्द हो चुकी है या… आगे पढ़ें

भीड़ का हमला या संगठित हिंसा?

देश भर में गौ–तस्करी, गौमांस रखने और बच्चा चोरी के शक में भीड़ द्वारा हमले (मॉब लिंचिंग) की घटनाएँ बढ़ रही हैं। इण्डिया स्पेंड की रिपोर्ट के अनुसार साल 2010 से अब तक केवल गौहत्या या गौमांस रखने के शक में भीड़ के 86 हमले हो चुके हैं, जिनमें से 98 फीसदी हमले साल 2014 में बीजेपी… आगे पढ़ें

रत्नागिरी रिफाइनरी परियोजना का जोरदार विरोध

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30 मई को राजापुर के गाँधी मैदान में 17 गाँवों के 1500 से ज्यादा लोगों ने रत्नागिरी रिफाइनरी परियोजना के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। इनकी माँग थी कि इस परियोजना को पूरी तरह बन्द किया जाये। रत्नागिरी रिफाइनरी सहपेट्रोकैमिकल नाम की यह परियोजना रत्नागिरी जिले के नाणार गाँव में लगनी… आगे पढ़ें

रिट्ज में विनिवेश : बहुमूल्य संस्थान की कौड़ियों के भाव नीलामी

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केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने फरवरी 2018–19 के अपने बजट भाषण में घोषणा की कि सरकार ने इस वित्त वर्ष के लिए 80,000 हजार करोड़ रुपये का विनिवेश लक्ष्य रखा है। इस लक्ष्य को पाने के लिए सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के 24 उद्यमों को चुना है, जिनमें रणनीतिक विनिवेश की प्रक्रिया… आगे पढ़ें

रिलायंस द्वारा ओएनजीसी के गैस भंडार से 30 हजार करोड़ की डकैती

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 अन्तर्राष्ट्रीय ट्रिब्यूनल में सरकार की हार 1 अगस्त 2018 को आंध्र के कृष्णा–गोदावरी बेसिन में ओएनजीसी के गैस भंडार में सेंध लगाकर रिलायंस द्वारा 30 हजार करोड़ रुपये की प्राकृतिक गैस चुराने के मामले में अन्तरराष्ट्रीय मध्यस्थता पैनल का फैसला आ गया। यह पैनल जो रिलायंस… आगे पढ़ें

सरकार यूजीसी को क्यों खत्म करना चाहती है?

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रही–सही उच्च शिक्षा को भी तबाह करके उसे कॉरपोरेट घरानों के मुनाफे का साधन बनाने की कांग्रेस सरकार की कोशिशों को आगे बढ़ाते हुए मौजूदा भाजपा सरकार ने एक प्रस्ताव संसद के मानसून सत्र में पेश किया है, जिसका मकसद विश्वविद्यालयों को अनुदान देने वाली और उच्च शिक्षण संस्थानों… आगे पढ़ें

सरकारी विभागों में ठेका कर्मियों का उत्पीड़न

––गौरव तोमर वित्त मंत्रालय की एक रिपोर्ट के अनुसार देश के सभी सरकारी विभागों में 20 से 50 प्रतिशत तक पद खाली हैं। इनमें मुख्यत: शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस, फौज, न्यायपालिका आदि विभाग शामिल हैं। यानी सरकारी विभागों में जितनी भर्तियों की जरूरत है, उतनी भी पूरी नहीं हो… आगे पढ़ें

स्विस बैंक में 50 फीसदी कालाधन बढ़ा

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जून के अन्त में स्विस नेशनल बैंक ने कालाधन सम्बन्धी एक रिपोर्ट जारी की जिसके अनुसार भारतीयों ने वर्ष 2017 में स्विस बैंकों में करीब 7000 करोड़ रुपये जमा किये, जो वर्ष 2016 की तुलना में 50 फीसदी ज्यादा है। स्विस नेशनल बैंक द्वारा अब तक जारी किये गये भारतीय कालाधन सम्बन्धी आँकड़ों… आगे पढ़ें