अनियतकालीन बुलेटिन

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अंक 43, जून 2023

संपादकीय

सम्पादकीय की जगह : उस समय तुम कुछ नहीं कर सकोगे –– सर्वेश्वरदयाल सक्सेना

सर्वेश्वर ने यह कविता लगभग चार दशक पहले लिखी थी। यह समकालीन तीसरी दुनिया के जून 2014 अंक में प्रकाशित हुई थी। लोकतंत्र की दुर्दशा को देखते हुए आज यह कविता पहले से कहीं ज्यादा प्रासंगिक है। अब लकड़बग्घा बिल्कुल तुम्हारे घर के करीब आ गया है यह जो हल्की सी आहट खुनकती हँसी में...

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देश विदेश के इस अंक में

सामाजिक-सांस्कृतिक

घोस्ट विलेज : पहाड़ी क्षेत्रों में राज्यप्रेरित पलायन –– मनीषा मीनू

ना दौड़, ना दौड़ ते उंदार्यों का बाटा उंदार्यों का बाटा उत्तराखंड के प्रत्येक नौजवान, बड़े बुजुर्गाे ने नरेंद्र सिंह नेगी जी का ये गीत जरूर सुना होगा, जिसमें नीचे की तरफ जा रहे रास्तों में न दौड़ने को कहते हुए खाली होते घरों और पलायन की विकट परिस्थिति का जिक्र किया गया है। गाँव… आगे पढ़ें

पहाड़ में नफरत की खेती –– अखर शेरविन्द

“साम्प्रदायिकता सदैव संस्कृति की दुहाई दिया करती है। उसे अपने असली रूप में निकलते शायद लज्जा आती है, इसलिए वह ––– संस्कृति का खोल ओढ़कर आती है।” ––प्रेमचन्द (साम्प्रदायिकता और संस्कृति) जिस उत्तराखण्ड में देवताओं के जागरों में सैय्यद… आगे पढ़ें

राजनीति

106 वर्ष प्राचीन पटना संग्रहालय के प्रति बिहार सरकार का शत्रुवत व्यवहार –– पुष्पराज

बिहार की राजधानी पटना में 106 वर्ष प्राचीन पटना संग्रहालय को नष्ट कर एक हजार करोड़ से ज्यादा की लागत से एक नूतन संग्रहालय स्थापित किया गया है। इस नूतन संग्रहालय को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपना ड्रीम प्रोजेक्ट बताते हैं। एक राजकीय संग्रहालय को उजाड़कर सोसायटी एक्ट के तहत एक नूतन… आगे पढ़ें

कर्नाटक चुनाव में भाजपा की हार, साम्प्रदायिक राजनीति और विरोधी धारा

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मई के महीने में कर्नाटक चुनाव सभी प्रमुख अखबारों और मीडिया संस्थानों की सुर्खियों में बना रहा। अखबारों के कुछ स्थानीय संस्करणों को छोड़ दिया जाये तो बाकी मीडिया मोदी और भाजपा का गुणगान और प्रचार करता नजर आया। कर्नाटक के पूरे चुनाव के दौरान भाजपा ने हिन्दुत्ववादी विचारधारा, साम्प्रदायिक… आगे पढ़ें

मणिपुर हिंसा : हिन्दुत्व के प्रयोग का एक और दुष्परिणाम

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पूर्वाेत्तर का बेहद खुबसूरत राज्य–– मणिपुर पिछले एक महीने से मैतेई और कुकी जातीय समूहों के बीच हिंसा की आग में जल रहा है। वहाँ से आ रही तस्वीरें यूक्रेन युद्ध और अफ्रीकी देशों में चल रहे गृह युद्ध की तस्वीरों से भी भयावह हैं। इन तस्वीरों में घर, दुकानें, शोरूम के… आगे पढ़ें

साहित्य

इब्ने इंशा : ख़ामोश रहना फ़ितरत में नहीं

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(एक हमीं हुशियार थे यारो एक हमीं बदनाम हुए) व्यंग्य का तीर वही तीरन्दाज़ चला सकता है, जो अपने तर्इं ईमानदार हो, जो ज़िन्दगी की आग में जलकर खरा सोना बना हो और जिसका हर तीर निशाने पर लगता हो। उर्दू के ऐसे ही विख्यात कवि और व्यंग्य रचनाकार हैं–– इब्ने इंशा। उन्होंने हमेशा… आगे पढ़ें

व्यंग्य

अगला आधार पाठ्यपुस्तक पुनर्लेखन –– जी सम्पत

(आजकल सोशल मीडिया पर और खास तौर से व्हाट्सएप पर जिस तरह की मूर्खतापूर्ण, अन्धविश्वासी और अवैज्ञानिक बातों की बाढ़ आयी हुई है, उसे देखकर किसी भी समझदार इनसान को हँसी जरूर आयेगी, लेकिन यह बात हास्यास्पद से अधिक दुखदायी है क्योंकि ऐसी बातों के प्रभाव में आकर नयी पीढ़ी गुमराह हो रही… आगे पढ़ें

राजा और नट

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‘प्रारब्ध को मानते हो!’ ‘मैं कर्मयोगी हूँ, मैं नहीं मानता!’ राजा ने बहुत आत्मविश्वास से उत्तर दिया। तब ऋषि ने राजन को एक कथा सुनायी। एक राजा भेस बदल कर मंत्री संग अपने राज्य के दौरे पर निकला। बाजार में उसने देखा कि एक जगह खूब भीड़ लगी हुई है। कारण जानने… आगे पढ़ें

विचार-विमर्श

विकास की निरन्तरता में–– गुरबख्श सिंह मोंगा

स्टेट्समैन 24 अप्रैल 2023 के अंक में प्रकाशित लेख, ‘एन इंस्टीट्यूशन डाईज़’ (एक संस्था की मौत) से यह जानना स्तब्ध करने वाला तथा चिन्तित करने वाला है कि ‘विज्ञान प्रसार’ को इसी साल अगस्त तक बन्द करने का प्रस्ताव है। ‘विज्ञान प्रसार’ की स्थापना… आगे पढ़ें

विश्व चैम्पियनशिप में पदक विजेता महिला पहलवान विनेश फोगाट से बातचीत

“औरतें जब भी आवाज उठाती हैं, सत्ता का निशाना बन जाती हैं।” इस बातचीत में पहलवान विनेश फोगाट ने यौन उत्पीडन के आरोप को लेकर डब्लूएफआई के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के लिए साहस जुटाने और खिलाड़ियों की ओर से समर्थन में कमी के बारे में बात की है।… आगे पढ़ें

अन्तरराष्ट्रीय

भूटानी शरणार्थी और भारत सरकार की आपराधिक उदासीनता

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(भूटान की जेलों में राजनीतिक बंदियों की संख्या कितनी है, यह पता करना बहुत मुश्किल है। भूटान सरकार इस बारे में कोई जानकारी नहीं देती, पर ह्यूमन राइट्स वाच नामक संस्था ने भूटान की जेलों में बन्द 37 राजनीतिक बंदियों के बारे में जानकारी जुटायी है जिनमें से 24 को आजीवन कारावास और… आगे पढ़ें

यूक्रेन में अमरीका और नाटो का हर दाँव असफल

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इस साल जून महीने की शुरुआत में यूक्रेन ने रूस पर पलटवार किया। इस जवाबी हमले में रूस की अपेक्षा यूक्रेन को कहीं ज्यादा नुकसान हुआ और रूस ने भारी संख्या में यूक्रेनी सेना को दिये गये नाटो के घातक हथियारों को नष्ट कर दिया। रूस–यूक्रेन युद्ध को शुरू हुए पन्द्रह महीने से अधिक… आगे पढ़ें

सऊदी–ईरान समझौता : मध्य–पूर्व की राजनीति में बड़ा बदलाव

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मध्य–पूर्व के दो प्रतिद्वन्द्वी देशों–– सऊदी अरब और ईरान ने लम्बे समय की दुश्मनी के बाद एक–दूसरे की ओर दोस्ती का हाथ बढ़ाया है। दोनों देशों ने मार्च में चीन की मध्यस्थता में एक समझौते पर दस्तखत भी किया जिसके तहत वे दो महीने के अन्दर अपने–अपने दूतावास… आगे पढ़ें

फिल्म समीक्षा

‘द केरल स्टोरी’ के बहाने हिन्दी फिल्मों के भगवाकरण पर एक टिप्पणी

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5 मई 2023 को ‘द केरल स्टोरी’ फिल्म रिलीज हुई। फिल्म में पात्रों ने निश्चय ही बहुत मेहनत की है। उन्होंने एक काल्पनिक चरित्र को भरपूर जीने की कोशिश की है। फिल्म जिस दुष्प्रचार को फैलाने के उद्देश्य से बनायी गयी, उसमें लगभग सफल भी रही है। कर्नाटक चुनाव में खुद प्रधानमंत्री… आगे पढ़ें

समाचार-विचार

असम में पोक्सो लगाकर जबरन गिरफ्तारी

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असम में लगभग 3000 लोगों को पुलिस ने पोक्सो एक्ट लगाकर बाल विवाह के आरोप में गिरफ्तार किया है और जबरन जेल में डाल दिया है और जिन मामलों में पुलिस ने इन लोगों को गिरफ्तार किया है वे एक साल से भी ज्यादा पुराने हैं। वहीं दूसरी ओर, देश के अन्तरराष्ट्रीय स्तर के पहलवान कई महीनों से… आगे पढ़ें

गुजरात शिक्षा बोर्ड ही बेच रहा बच्चों का गोपनीय डेटा

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अप्रैल में दैनिक भास्कर ने छात्रों के निजी डेटा बेचने वाले डेटा सेण्टर के एजेण्टों के जाँच–पड़ताल की चैकानें वाली रिपोर्ट पेश की। इस रिपोर्ट के अनुसार 10वीं और 12वीं में पढ़ रहे गुजरात के करीब 5 लाख बच्चों के गोपनीय डेटा 2 से 6 हजार रुपये में बेचा जा चुका है। इसमें बच्चे… आगे पढ़ें

छात्रों के हकों पर डाकेजनी

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2023 में ‘राजीव गाँधी स्कॉलरशिप फॉर एकेडमिक एक्सीलेंस’ योजना के तहत 245 छात्रों का चयन हुआ। इनमें से 73 बच्चे आला अफसर, आईएएस, आईपीएस और मंत्रियों के हैं गरीबों के बच्चे कहाँ हैं? 20 अक्टूबर 2021 को राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार ने जोर–शोर से ‘राजीव गाँधी… आगे पढ़ें

छात्रों को शोध कार्य के साथ आन्दोलन भी करना होगा

भारत में शोध–अनुसन्धान के लिए मूलभूत ढाँचे और संसाधनों की भारी कमी है। देश के विकास के लिए सरकार द्वारा विश्वविद्यालयों, संस्थानों में शोध के कार्यों को प्रोत्साहित करना चाहिए था, लेकिन आज वास्तविकता इसके उलट है। शोध छात्र आज अपना शोध बीच में ही छोड़ सरकार के खिलाफ प्रदर्शन… आगे पढ़ें

जलवायु परिवर्तन और विस्थापन की व्यथा

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विस्थापन के सम्बन्ध में वैश्विक स्तर पर काम करने वाली अन्तरराष्ट्रीय संस्था ‘आईडीएमसी’ द्वारा हाल ही में ‘आन्तरिक विस्थापन पर वैश्विक रिपोर्ट’ (जीआरआईडी–2023) प्रकाशित हुई। इस रिपोर्ट में बढ़ते जलवायु संकट और उसके दुष्परिणामों से सम्बन्धित चैकाने… आगे पढ़ें

डार्विन के सिद्धान्त को पाठ्यक्रम से हटाने का फैसला

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हाल ही में एनसीईआरटी ने डार्विन के जैविक विकास सम्बन्धी अध्याय को 10वीं के पाठ्यक्रम से हटा दिया है। इसका कारण बच्चों पर पढ़ाई के बोझ को कम करना बताया गया है। लेकिन ऐसा करके सरकार वैज्ञानिक सोच, लोकतान्त्रिक मूल्य–मान्यताओं और क्रान्तियों के इतिहास से सम्बन्धित विषयों को… आगे पढ़ें

पीपीपी मॉडल के चलते कर्ज में डूबी एनएचएआई

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मौजूदा सरकार जिस एक काम का प्रचार सबसे जोर–शोर से करती है वह है देश में बन रही सड़कें। लेकिन जिस संस्था से सरकार यह काम करवाती है उसका भट्ठा बैठ चुका है। देश में सड़क निर्माण का काम नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) करती है। यह एक स्वायत्त संस्था है जो सरकार द्वारा… आगे पढ़ें

फोर्टिफाइड चावल जहर या कहर

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हाल ही में सरकार फोर्टिफाइड चावल को लेकर फिर से विवादों में घिरने लगी है। विपक्ष ने सरकार पर यह आरोप लगाया कि सरकार फोर्टिफाइड चावल के रूप में देश के 80 करोड़ लोगों को जहर बाँट रही है। दरअसल 15 अगस्त 2021 को आजादी के अमृत महोत्सव पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने घोषणा की थी कि… आगे पढ़ें

भारत में विदेशी विश्वविद्यालय

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इस साल की शुरुआत के साथ ही यूजीसी ने भारत में विदेशी विश्वविद्यालयों के कैम्पस खोलने की अनुमति दे दी। अब विश्व के चोटी के पाँच सौ विश्वविद्यालयों में से कोई भी यहाँ अपना कैम्पस स्थापित कर पाएगा। इसे मास्टर स्ट्रोक बताया गया और खूब बढ़ा–चढ़ाकर प्रचारित किया गया कि अब घर बैठे… आगे पढ़ें

महिलाओं के गायब होने की पहेली

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राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आँकड़े बताते हैं कि 2016 से 2020 तक प्रधानमंत्री जी के गृह राज्य गुजरात में 41,621 महिलाएँ लापता हुर्इं। इसी रिपोर्ट में यह भी खुलासा किया गया है कि देश के अन्य राज्यों में भी हालात कुछ बेहतर नहीं हैं। महाराष्ट्र में इसी साल… आगे पढ़ें

रामनवमी के समय बंगाल में साम्प्रदायिक हिंसा

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रामनवमी पर पिछले साल की तरह इस साल भी बंगाल में साम्प्रदायिक आग भड़क उठी। बंगाल के हावड़ा और नॉर्थ दिनाजपुर जिले में 30 मार्च को विश्व हिन्दू परिषद द्वारा निकाले गये रामनवमी जुलुस के दौरान हिंसा हुई। 24 घण्टे बाद शिवपुर में दुबारा पत्थरबाजी हुई। हावड़ा के हुगली में भी आगजनी और… आगे पढ़ें

सौर ऊर्जा से भी पर्यावरण को नुकसान

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राजस्थान के बीकानेर बाड़मेर, जैसलमेर और जो/ापुर जैसे जिलों में बहुत से दैत्याकार सोलर प्लाण्ट लगाये गये हैं। 25 मई के दैनिक भास्कर अखबार मे इन सोलर प्लाण्टों के हानिकारक प्रभाव के बारे में एक जाँच रिर्पोट छपी। इस रिर्पोट के मुताबिक जिन जगहों पर प्लाण्ट लगे हैं वहाँ केे तापमान… आगे पढ़ें

कविता

बच्चे काम पर जा रहे हैं

(राजेश जोशी की यह कविता बहुत मार्मिक है। इसे पढ़ते हुए आँखों से आँसू छलक जाते हैं और मन गुस्से से भर उठता है। वह दृश्य सामने आ जाता है, जब फटे–पुराने कपड़े और टूटी हुई चप्पल पहने छोटे–छोटे बच्चे काम पर जाते हैं। यह बहुत दुखद अनुभव है। वे अधभूखे या खाली पेट ही काम पर… आगे पढ़ें