अनियतकालीन बुलेटिन

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अंक 39, नवम्बर 2021

संपादकीय

पण्डोरा पेपर्स : पूँजीवादी भ्रष्टाचार की बुनियाद है मजदूरों के श्रम की चोरी

काला धन और भ्रष्टाचार एक बेहद सनसनीखेज और लुभावना मुद्दा है। हमारे देश में अक्सर ऐसे मामले उजागर होते रहते हैं और भद्रजनों की सतही संवेदना और क्षणिक गुस्से को उकसाते रहते हैं। इसी सिलसिले की नयी कड़ी है पण्डोरा पेपर्स जिसमें हराम की कमाई से रातों–रात धनाढ्य बने देश–दुनिया के नामी–गिरामी हस्तियों के काले...

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देश विदेश के इस अंक में

राजनीति

जनसंख्या नियंत्रण विधेयक का तर्कहीन मसौदा

सार्वजनिक स्वास्थ्य और सामाजिक विकास के क्षेत्र में काम करने वाले हम जैसे कई लोग हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा घोषित–– उत्तर प्रदेश जनसंख्या (नियंत्रण, स्थिरीकरण और कल्याण) विधेयक, 2021–– को देखकर पूरी तरह भयभीत भले ही ना हो लेकिन आश्चर्यचकित हैं।… आगे पढ़ें

पण्डोरा पेपर्स

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पण्डोरा पेपर्स क्या हैं? पण्डोरा पेपर्स में दुनियाभर के ऐसे लोगों का लेखा–जोखा है जिन्होंने अपने देश में टैक्स से बचने के लिए सम्पत्ति को अपनी पहचान छुपाकर टैक्स बचत का स्वर्ग कहे जाने वाले देशों में रखा। पहले भी 2016 में पनामा पेपर्स में इस तरह का खुलासा हो चुका है। उसके… आगे पढ़ें

फासीवाद का काला साया

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नागरिक स्वतंत्रताओं पर हमले, सत्ता के घनीभूत केन्द्रीकरण के लिए राज्य के पुनर्गठन और भय के सर्वव्यापी प्रसार के मामले में मोदी के शासन के वर्ष इन्दिरा गाँधी द्वारा लगायी गयी इमरजेंसी के समान ही हैं। लेकिन समानता यहीं खत्म हो जाती है। दरअसल, दोनों में कई तरह की बुनियादी असमानताएँ… आगे पढ़ें

बॉर्डर्स पर किसान और जवान

यह अजब संयोग ही है कि अगस्त और सितम्बर महीने में महज 20–25 दिनों के अन्तराल में देश की ऐसे बॉर्डर्स पर जाने का सुअवसर मिला, जहाँ एक ओर देश के फौजी देश की सरहदों की निगेबानी कर रहे हैं। यह मौका मुझे 21 अगस्त से 28 अगस्त की जोखिम भरी लद्दाख यात्रा में मिला। देश की सेना में… आगे पढ़ें

भारतीय राज्य और जन कल्याण! तौबा, तौबा

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कोरोना महामारी के कारण राज्य का कल्याणकारी स्वरूप दुनिया के बौद्धिक हलकों में चर्चा का विषय बना हुआ है। कल्याणकारी राज्य का सीधा–सा अर्थ है राज्य द्वारा अपने सभी नागरिकों की आर्थिक और सामाजिक भलाई के लिए काम करना। दरअसल पहले विश्व युद्ध के दौरान सन 1917 में रूस में हुई… आगे पढ़ें

सत्ता के नशे में चूर भाजपाई कारकूनों ने लखीमपुर खीरी में किसानों को कार से रौंदा

लखीमपुर खीरी में प्रदर्शन के दौरान गाड़ियों द्वारा किसानों को कुचलने से 2 किसान तत्काल शहीद हो गये तथा 2 किसान अस्पताल ले जाने के दौरान रास्ते में शहीद हो गये। किसान नेता तेजिन्दर सिंह विर्क सहित अन्य कई किसानों को गम्भीर रूप से चोटें आयी हैं। किसान नेता तेजिन्दर सिंह विर्क जिला… आगे पढ़ें

साहित्य

मखदूम मोहिउद्दीन : एक दहकती हुई आग

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मखदूम मोहिउद्दीन उर्दू अदब के अनोखे और बिल्कुल नयी रौशनी से भरे हुए सितारे हैं। उनकी निखरती हुई आभा हैरान करती है और बाहें फैलाकर अपने सौंदर्यपाश में बाँध लेती है। यह बन्धन हमें किसी दायरे में कैद नहीं करता बल्कि आजाद करता है। नये पंख देता है और उड़ने के लिए नया आकाश। एक नयी… आगे पढ़ें

लेखक संगठन आखिर आत्मालोचना से क्यों डरते हैं?

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गत दो–तीन दशकों में वाम लेखक संगठनों का प्रभाव क्षीण हुआ है। उनमें कई तरह के विचलन, विभ्रम और विरूपताएँ देखने को मिल रही हैं। गत दिनों भाजपा मनोनीत एक राज्यपाल की जीवनी का सम्पादन राज्य के दो वरिष्ठ प्रगतिशील लेखकों द्वारा किया जाना इसका एक सामयिक उदाहरण है। इन लेखकों… आगे पढ़ें

कहानी

पानीपत की चैथी लड़ाई

–– सुबोध घोष हम लोगों की क्लास मानव विज्ञान की किसी प्रयोगशाला जैसी थी। मानवता का ऐसा विचित्र नमूना शायद ही किसी और स्कूल की क्लास में होगा। हमारी क्लास में तीन राजाओं के लड़के थे। उनमे से एक तो जंगली राजा का बेटा था, बिलकुल काले रंग का। बाकी दो लड़के असली क्षत्रिय… आगे पढ़ें

पर्यावरण

आईपीसीसी की ताजा रिपोर्ट : धरती पर जीवन के विनाश की अन्तिम चेतावनी

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जलवायु परिवर्तन पर अन्तरसरकारी पैनल (आईपीसीसी) की छठी मूल्यांकन रिपोर्ट ‘जलवायु परिवर्तन–2021: भौतिक विज्ञान के आधार पर’ जारी हो हुई। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि जलवायु परिवर्तन के कारण धरती के करोड़ों प्रजातियों के पेड़–पौधों, जीव–जन्तुओं और इनसानों… आगे पढ़ें

विचार-विमर्श

दिल्ली सरकार की ‘स्कूल्स ऑफ स्पेशलाइज्ड एक्सलेंस’ की योजना : एक रिपोर्ट!

–– लोक शिक्षक मंच पृष्ठभूमि 13 अगस्त को दिल्ली सरकार ने घोषित किया कि नवगठित दिल्ली बोर्ड ऑफ स्कूल एजुकेशन को कॉउन्सिल ऑफ बोर्डस ऑफ स्कूल एजुकेशन और एसोसिएशन ऑफ इण्डियन यूनिवर्सिटीज से मंजूरी मिल गयी है। शिक्षा मंत्री ने जो इस बोर्ड के प्रमुख भी हैं, यह भी कहा कि… आगे पढ़ें

‘आप’ की ‘देशभक्ति की खुराक’ : प्रोफेशनल ‘देशभक्त’ बनाने का नया एजेण्डा

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आम आदमी पार्टी (आप) ने 27 सितम्बर को शहीद भगतसिंह के जन्मदिवस के अवसर पर दिल्ली के सरकारी स्कूलों में ‘देशभक्ति पाठ्यक्रम’ लागू किये जाने की घोषणा की। इस मौके पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने कहा कि ऐसा वातावरण तैयार करने की जरूरत है, जिसमें हम सभी और… आगे पढ़ें

अन्तरराष्ट्रीय

अफगानिस्तान : साम्राज्यवादी तबाही की मिसाल

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अमरीका और उसका पालतू असरफ गनी अफगानिस्तान से खदेड़ दिये गये। अफगानिस्तान की सत्ता फिर से क्रूर और धर्मान्ध तालिबान के हाथ में है जो अमरीका की परित्यक्त सन्तान है। अमरीका की ही तरह उसके पास भी अफगानिस्तान की जनता के लिए तबाही के अलावा और कुछ नहीं है। 1979 से 2021 तक के 42 वर्षों… आगे पढ़ें

अफगानिस्तान युद्ध में अमरीका की हार के मायने

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अफगानिस्तान से अमरीकी सेना जिस तरह बेआबरू होकर रुखसत हुई और जिस तेजी से तालिबानी लड़ाकों ने सत्ता पर कब्जा किया, उसे देखकर दुनिया हतप्रभ रह गयी। तालिबान द्वारा सत्ता पर कब्जा जमाये जाने के बाद कई तरह की अटकलें और चिन्ताएँ जतायी जाने लगीं। आइये, नयी परिस्थिति की नजाकत को परखते… आगे पढ़ें

एशिया में अफीम की खेती और साम्राज्यवादी नीतियाँ

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एक जमाने में अफीम ब्रिटेन के कभी न अस्त होने वाले सूरज को ऊर्जा प्रदान करने वाला सबसे बड़ा स्रोत हुआ करता था। दरअसल, अफीम और उसके द्वारा किये गये विनाश की कहानी ब्रिटेन के वैश्विक शक्ति के रूप में उदय की दास्तान है। 19वीं सदी में ईस्ट इण्डिया कम्पनी के जरिये भारत पर धीरे–धीरे… आगे पढ़ें

सउ़दी अरब की साम्राज्यवादी विरासत

–– यानिस इकबाल सउ़दी अरब जैसे एक निरंकुश सुन्नी राजतन्त्र को वैश्विक ‘लेकतन्त्र’ के तथाकथित पैरोकार पश्चिम का पुरजोर समर्थन क्यों मिल रहा है? यह सवाल शायद ही पूछा जाता हो। जब तेल और हथियारों के व्यापार का मामला आता है तो उदारवादी लोकतन्त्र और धार्मिक… आगे पढ़ें

समाचार-विचार

अमीरों की अय्यासी का अड्डा बनते हिमालयी इलाकों में तबाही

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वर्ष 2021 के मानसून के मौसम में केवल दो हिमालयी राज्यों, उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश में भूस्खलन की 30 बड़ी घटनाएँ और सैकड़ों छोटी–छोटी घटनाएँ हुई हैं। जुलाई और अगस्त में हुई भूस्खलन की आठ घटनाएँ ‘बेहद भयावह’ श्रेणी की हैं। इसी मौसम में ऐसा भी समय आया जब उत्तराखण्ड… आगे पढ़ें

क्यूबा तुम्हारे आगे घुटने नहीं टेकेगा, बाइडेन

पिछले दिनों क्यूबा में भोजन और दवाई की कमी को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन हुए हैं। इन प्रदर्शनों को साम्राज्यवादी मीडिया में ऐसे दिखाया गया मानो क्यूबा में समाजवादी सत्ता का तख्तापलट हो रहा हो। यह सच है कि क्यूबा लम्बे समय से आर्थिक संकट से जूझ रहा है। कोरोना महामारी और वेनेजुएला… आगे पढ़ें

खेल और खिलाड़ियों का इस्तेमाल ‘फेस पॉउडर’ की तरह भी हो सकता है!

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8 अगस्त को सम्पन्न टोक्यो ओलम्पिक में भारतीय खिलाड़ियों ने कुल 7 पदक जीते हैं। भारत के पास इस खेल आयोजन में हिस्सेदारी का 121 साल का अनुभव है। इसके बावजूद बेहद लचर प्रदर्शन भारत में खेलों की दुर्दशा की तस्वीर दिखा देता है। भारत की जनसंख्या लगभग 136 करोड़ है। यह दुनिया की सबसे… आगे पढ़ें

जर्जर स्वास्थ्य व्यवस्था, बे–मौत मरती जनता, लाभ किसका

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कोरोना के बाद उत्तर प्रदेश में डेंगू, मलेरिया कहर ढा रहे हैं। गाँवों–कस्बों का ऐसा कोई मोहल्ला नहीं बचा है जहाँ बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक बुखार से पीड़ित न हो। फिरोजाबाद जिले में ही एक सप्ताह के अन्दर 150 से अधिक लोगों की जान बुखार से चली गयी जिनमें अधिकतर बच्चे हैंं।… आगे पढ़ें

जाल–ए–दुनिया1 की बदहाली-- इस तालिब–ए–दुनिया2 का दस्तूर बदलना होगा

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 जाहिर न था नहीं सही लेकिन जुहूर था कुछ क्यूँ न था जहान में कुछ तो जरूर था।                       –– नातिक गुलावठी चारों तरफ अजीब से खौफ का मंजर है। रोजी–रोटी की तलाश में दर–ब–दर की ठोकर,… आगे पढ़ें

बच्चों का बचपन और बड़ों की जवानी छीन रहा है मोबाइल

मोबाइल बच्चों का बचपन छीन रहा है। आजकल के बच्चे ऐसे खेल खेलना पसन्द ही नहीं करते हैं जिसमें शारीरिक परिश्रम हो। मोबाइल की लत बच्चों पर इस कदर हावी होती जा रही है कि बच्चे इसके लिए कुछ भी कर गुजरने के लिए बेकरार रहते हैं और वे मोबाइल पर थोड़ी देर नहीं बल्कि दिन भर ही लगे रहते… आगे पढ़ें

बिना आँकड़ों के क्या हिसाब लगाये और क्या हिसाब दें?

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आज के दौर में ‘डाटा माइनिंग’ किसी संस्था के सबसे महत्वपूर्ण कामों में से एक है। जिसका मतलब है–– आँकडे़ इकट्ठा करना और उनकी छानबीन करके कुछ निष्कर्ष निकालना। छोटे स्तर से लेकर बड़े स्तर तक की योजनाएँ बनाने या किसी क्षेत्र विशेष में शोध करने या किसी घटना… आगे पढ़ें

राजा महेन्द्रप्रताप के नाम पर अपने हित साधती बीजेपी

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हाल ही में उत्तर प्रदेश दौरे के समय प्रधानमंत्री मोदी ने अलीगढ़ में राजा महेन्द्र प्रताप के नाम पर बनने जा रहे विश्वविद्यालय का शिलान्यास किया। इस दौरान उन्होंने भाषण भी दिया जिसमें उनका क्रान्तिकारियों के प्रति प्रेम उमड़ रहा था। उन्होंने कहा कि राजा महेन्द्रप्रताप को पिछली सरकार… आगे पढ़ें