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समाचार: अन्तरराष्ट्रीय

8 Jan 2025

रूस–यूक्रेन युद्ध अभी जारी है

रूस ने 24 फरवरी 2022 को यूक्रेन पर पहली बार हमला किया। इसके बाद से यह लड़ाई अनवरत जारी है। द्वितीय विश्व युद्ध के बाद यूरोपीय इलाके की ये सबसे बड़ी जंग है। लगभग 3 साल बाद 29 नवम्बर को यूक्रेन के राष्ट्रपति जेलेंस्की ने अमरीकी न्यूज चैनल स्काई न्यूज को बताया कि वह रूस के साथ युद्ध रोकने के लिए तैयार है। इसके लिए रूस के कब्जे की जमीन भी छोड़ देंगे। इससे पहले अमरीका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने भी संकेत दिया था कि रूस को कीव के दावे की जमीन इस शर्त पर दी जा सकती है कि यूक्रेन को नाटो सदस्य बने रहने की छूट मिल जाये। वैसे तो युद्ध का समाप्त होना रूस–यूक्रेन के साथ–साथ पूरी दुनिया के लिए शुभ संकेत है, क्योंकि इस युद्ध से इतना नुकसान हुआ है कि उससे कई नये देश बसाये जा सकते थे। रूस ने थल सेना से...

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8 Jul 2024

इसराइल के खिलाफ लड़े जा रहे बीडीएस आन्दोलन का समर्थन करें

फिलिस्तीन की जनता पर इजरायल का साम्राज्यवादी हमला लगातार जारी है। आज के फिलिस्तीन की सच्चाई को जानने के लिए 1948 के फिलिस्तीन के हालात को समझना जरूरी है, जब ब्रिटेन जैसे साम्राज्यवादी देशों ने इजरायल के निर्माण का समर्थन किया था। इस जायोनी राज्य ने फिलिस्तीनियों की जमीन पर कब्जा करके यहूदियों के एक राष्ट्र का निर्माण किया, उन्हें जबरन उजाड़ा, कत्ल किया और उनके तमाम अधिकार छीने। आज फिलिस्तीनियों का जो कत्लेआम हो रहा है, वह 1948 के ‘नकबा’ के दौरान फिलिस्तीनियों के जातीय संहार की याद दिलाता है, जिसमें 7.5 लाख से ज्यादा फिलिस्तीनियों को उनकी मातृभूमि से खदेड़ दिया गया था और जिसे  इजरायल अपनी स्वतंत्रता मानता है। इसमें कोई संदेह नहीं है कि हमारे समय में साम्राज्यवाद सबसे विनाशकारी विचारधारा है जिसने फिलिस्तीनियों के सीधे नरसंहार को जन्म दिया है। गाजा पट्टी पर  इजरायल...

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1 Jan 2024

अपने बेटे के लिए उसके पहले जन्मदिन पर गाजा में लिखा एक पत्र

चाहे जो हो, मेरे बच्चे, हम तुम्हारा पहला जन्मदिन मनाएंगे। जब से तुम पैदा हुए हो, कैस,  मैंने पिता के रूप में जिंदगी के उद्देश्य को और गहराई से महसूस किया. जिंदगी के इस क्षण तक पहुँचने के लिए मैंने खुद को काफी समय पहले से तैयार किया हुआ था. मैं तुम्हारी अच्छी परवरिश करने के लिए उत्सुक हूं ताकि मैं भविष्य में गर्व से इसकी समीक्षा कर सकूं। जब से तुम पैदा हुए हो, तुम्हारी माँ ने हर महीने एक छोटा जन्मदिन मनाया, इस बात को शिद्दत से महसूस करने के लिए कि तुमने हमारी जिंदगियों को रौशन किया। मैं इन छोटी पार्टियों में शामिल रहा, लेकिन व्यक्तिगत तौर पर, मैं कुछ बड़ा करने के लिए तुम्हारे पहले जन्मदिन का बेसब्री से इंतज़ार कर रहा था। मैंने पूरे परिवार, विशेष रूप से तुम्हारे चाचा, चाची और चचेरे भाई को आमंत्रित करने का...

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26 Oct 2023

सीआईए और फ्रैंकफर्ट स्कूल का साम्यवाद विरोध

वैश्विक सिद्धांत उद्योग की बुनियाद फ्रांसीसी सिद्धांत के साथ-साथ फ्रैंकफर्ट स्कूल (Frankfurt School) का आलोचनात्मक सिद्धांत (Critical Theory) वैश्विक सिद्धांत उद्योग (Global Theory Industry) के सबसे अधिक बिकनेवाले मालों (hottest commodities) में से एक रहा है। साथ में, वे (आलोचनात्मक सिद्धांत और फ्रांसीसी सिद्धांत) सैद्धांतिक आलोचना की कई प्रवृत्तियों को दिशा देने और उसे सेट करनेवाले रूपों के लिए सामान्य स्रोत की तरह कार्य करते हैं। आज वे पूंजीवादी दुनिया के अकादमिक बाजार-- उत्तर-औपनिवेशिक (postcolonial) और विऔपनिवेशिक सिद्धांत (decolonial theory) से लेकर क्वियर सिद्धांत (queer theory), अफ़्रीकी-निराशावाद (Afro-pessimism) और उससे आगे तक पर हावी हैं। इसलिए फ्रैंकफर्ट स्कूल के राजनीतिक रुझान का वैश्वीकृत पश्चिमी बुद्धिजीवियों (globalized Western intelligentsia) पर बुनियादी असर पड़ा है। इस लेख के केंद्र में रहेंगे-- इंस्टिट्यूट फॉर सोशल रिसर्च के पहली पीढ़ी के मशहूर लोग, खासकर थियोडोर अडोर्नो और मैक्स होर्खाइमर। ये सभी उस क्षेत्र की ऊँची हस्ती हैं जिसे पश्चिमी मार्क्सवाद या सांस्कृतिक मार्क्सवाद...

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3 Sep 2023

विध्वंश, पुनर्वितरण या योजना के द्वारा-- चीन की पतनशीलता ?

हाल के वर्षों में, डीग्रोथ (गिरावट) सिद्धांत ने पारिस्थितिक अर्थशास्त्रियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं की बढ़ती संख्या के बीच लोकप्रियता हासिल की है। डीग्रोथ सिद्धांतकारों का तर्क है कि मानवता द्वारा भौतिक संसाधनों की खपत और पर्यावरण पर प्रभाव ने पृथ्वी की पारिस्थितिक क्षमता को खत्म कर दिया है, और पारिस्थितिक स्थिरता की बहाली के लिए वैश्विक अर्थव्यवस्था में सामग्री और ऊर्जा थ्रूपुट की तेजी से और बड़े पैमाने पर कमी की आवश्यकता है। अनुभवजन्य साक्ष्य से पता चलता है कि सकारात्मक आर्थिक विकास आमतौर पर बढ़ती सामग्री खपत और पर्यावरणीय प्रभाव से जुड़ा हुआ है। आर्थिक विकास और पर्यावरणीय प्रभाव के बीच "पूर्ण विघटन" (अर्थात, ऐसी स्थिति जिसमें सकारात्मक आर्थिक विकास दर होती है, संसाधनों की खपत और पर्यावरणीय प्रभाव में पूर्ण कमी के साथ) केवल विशिष्ट देशों में अपेक्षाकृत कम समय के दौरान हुआ है, और वैश्विक स्तर पर पर्याप्त तीव्र गति से होने की संभावना नहीं है। डीग्रोथ सिद्धांतकारों का मानना ​​है कि...

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23 Aug 2023

सूडान में जारी गृहयुद्ध: अंतर्राष्ट्रीय व क्षेत्रीय शक्तियों की भूमिका

सूडान में पिछले तीन महीनों से गृहयुद्ध जारी है। यह गृहयुद्ध सेना प्रमुख जनरल अब्दल फतह अल-बुरहान और रेपिड सपोर्ट फोर्स के मुखिया मोहम्मद हामदान डगालो के बीच सूडान पर वर्चस्व स्थापित करने के लिए है। अल-बुरहान संप्रभु परिषद के नेता हैं और वस्तुतः सरकार पर उनका नियंत्रण है। अर्द्ध-सैनिक बल रेपिड सपोर्ट फोर्स के मुखिया मोहम्मद हामदान डगालो अभी तक संप्रभु परिषद के उपनेता हैं। यह संघर्ष उस समय शुरू हुआ जब सेना में रेपिड सपोर्ट फोर्स के विलय के बारे में प्रक्रिया शुरू होने वाली थी। संयुक्त राष्ट्र संघ ने 9 जुलाई को चेतावनी दी कि सैन्य बल और अर्द्ध सैन्य बल के बीच हथियारबंद टकराहटों से ग्रस्त सूडान व्यापक गृहयुद्ध के कगार पर खड़ा है। संयुक्त राष्ट्र ने यह चेतावनी उस समय दी जब एक आवासीय इलाके में हवाई हमले से करीब दो दर्जन नागरिकों की जान चली गयी। इससे समूचे क्षेत्र में अस्थिरता पैदा...

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9 Aug 2023

वर्ग न्याय

(क्रिस्टोफर नोलन द्वारा लिखित, निर्मित और निर्देशित ‘ओपेनहाइमर’ फिल्म के आने से परमाणु बम के विभिन्न पहलुओं के ऊपर बहस शुरू हो गयी है। यह फिल्म वैज्ञानिक जे. रॉबर्ट ओपेनहाइमर के जीवन पर आधारित है, जिन्होंने मैनहट्टन प्रोजेक्ट पर पहले परमाणु हथियार विकसित करने में सहायता की थी। पूंजीवादी खुफियातंत्र और अदालत के पैंतरे के बावजूद ओपनहाइमर निर्दोष साबित हुए। लेकिन 1953 में परमाणु बम के फॉर्मूले सोवियत संघ पहुंचाने के 'अपराध ' में जूलियस और एथन रोजेनबर्ग को बिजली के झटके से मौत की सजा देने से अमरीकी व्यवस्था पीछे नहीं हटी। उससे पहले 1950 में जर्मन भौतिक विज्ञानी क्लाउस फूच्स खुद गवाही दे चुके थे कि उन्होंने ही सोवियत संघ को यह फॉर्मूला सौंप दिया था। फुच्स के बचाव में वकील ने यह तर्क दिया था कि दूसरे विश्व युद्ध में इंग्लैंड और सोवियत संघ मित्र थे इसलिए फॉर्मूला दुश्मन के हाथ नहीं, बल्कि दोस्त के हाथ सौंपा गया...

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30 Mar 2023

पेंशन की रक्षा के लिए लाखों लोगों के विरोध से फ्रांस जल उठा

मूल रूप से प्रकाशित: स्ट्रगल-ला लुचा26 मार्च 2023 को गैरी विल्सन द्वारा ( Struggle-La Lucha द्वारा और अधिक ) |( 29 मार्च, 2023 को पोस्ट किया गया )   23 मार्च 2023, एक आम हड़ताल की कार्रवाई का एक राष्ट्रीय दिवस बन गया, जिसे फ़्रांस में श्रमिक संघों द्वारा आयोजित किया गया। पीपल्स डिस्पैच की रिपोर्ट के अनुसार और संघ के अनुमान के अनुसार, उस दिन पूरे फ्रांस में 250 से अधिक स्थानों पर लगभग 35 लाख लोग सड़कों पर उतरे। श्रमिकों ने ऊर्जा, परिवहन, रेलवे, बंदरगाहों, हवाई अड्डों, उद्योगों, स्कूलों, कॉलेजों और विश्वविद्यालयों, अपशिष्ट प्रबंधन सहित नगरपालिका सेवाओं सहित महत्वपूर्ण क्षेत्रों में काम रोक दिया, और प्रमुख शहरों की मुख्य सड़कों, पुलों और चौकों की नाकेबंदी कड़ी कर दी है। एक दिन पहले, 22 मार्च को, राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन राष्ट्रीय टीवी पर बिना वोट के नेशनल असेंबली के माध्यम से पेंशन में कटौती के अपने फैसले को दोहराने...

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27 Mar 2023

फ्रांस और ब्रिटेन: दो विद्रोहों की कहानी

26 मार्च 2023 फ्रांसीसी विद्रोह और ब्रिटेन में संघर्ष पर लिंडसे जर्मन यह अक्सर नहीं होता है कि शाही परिवार की राजकीय यात्रा अंतिम समय में रद्द कर दी जाये। ऐसा अभी भी कम ही होता है कि इसे रद्द कर दिया जाता है क्योंकि देश में व्यापक हड़ताल की लहर चल रही है। लेकिन किंग चार्ल्स और फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रॉन को अपने पूर्व निर्धारित शिखर सम्मेलन को रद्द करने के लिए मजबूर होना पड़ा क्योंकि उन्हें डर था कि स्थिति बहुत डावांडोल थी। इसके अलावा, वर्साय के हॉल ऑफ मिरर्स में भव्य भोज को उस समय एक बुरा रूप माना गया जब फ्रांसीसी श्रमिकों को बताया जा रहा था कि उन्हें अपनी पेंशन पाने के लिए अधिक समय तक काम करना होगा। आखिरकार, 1789 में फ्रांसीसी क्रांति तब शुरू हुई, जब पेरिस की...

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9 Jul 2022

दूसरे इंटरनेशनल की टकराव से परिपूर्ण विरासत

वस्तुतः आज के सभी समाजवादी दूसरे इंटरनेशनल (1889 से 1914) के प्रत्यक्ष वंशज हैं। इसे सोशलिस्ट इंटरनेशनल के रूप में भी जाना जाता है, इस आंदोलन ने दुनिया के संगठित मजदूर वर्ग के बड़े हिस्से को समाजवादी क्रांति के बैनर के नीचे एकताबद्ध किया, और हर जगह पूंजीपतियों द्वारा इसे उनके अस्तित्व के खतरे  के रूप में देखा गया। फिर भी इक्कीसवीं सदी के समाजवादी लोग इस संगठन के इतिहास या इसके प्रतिनिधित्व के बारे में अपेक्षाकृत कम जानते हैं। विशेष रूप से वामपंथी समाजवादियों के लिए, दूसरा इंटरनेशनल प्रथम विश्व युद्ध की शुरुआत में, 1914 में अंतरराष्ट्रीयतावाद के साथ अपने विश्वासघात से लगभग अनन्य रूप से जुड़ा हुआ है। उस समय दूसरे इंटरनेशनल को एक अपमानजनक पतन का सामना करना पड़ा, क्योंकि इसके प्रमुख दलों ने समाजवादी सिद्धांतों को त्याग दिया और अपनी-अपनी सरकारों के युद्ध प्रयासों को खुला समर्थन दिया। तथ्य यह है कि 1919 में पूंजीवादी व्यवस्था को...

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9 Apr 2022

औपनिवेशिक जनता यूक्रेन संकट को कैसे समझे

ब्लैक अलायंस फॉर पीस (बीएपी) जोर देकर यह घोषणा करता है कि दुनिया पर राजनीतिक और आर्थिक प्रभुत्व के लिए यूरोपिय संघ, नाटो और अमरीका के निरन्तर और एकतरफा अभियान के चलते ही यूक्रेन में टकराव के हालात पैदा हुए हैं। जैसा कि बीएपी ने पहले ही जोर देकर कहा है कि मौजूदा संकट की जड़ें 2014 में यूक्रेन की लोकतांत्रिक रूप से चुनी गयी सरकार के अमरीकी समर्थन से हुए तख्तापलट में हैं और यूरोपिय संघ, नाटो और अमरीका, जो “प्रभुत्व की धुरी” हैं, उनका दृढ़ संकल्प है कि यूक्रेन एक जबरदस्त जंगी अमले वाले नाटो सदस्य देश में बदल जाये, जो हमेशा रूस की सीमा पर घात लगाये बैठा रहे। 1999 से ही, जब बिल क्लिन्टन ने वारसा सन्धि के भूतपूर्व देशों को शामिल करने के लिए नाटों की सदस्यता बढ़ाने की आधिकारिक प्रक्रिया की शुरुआत की थी, तभी से नाटो...

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1 Feb 2022

अमेरिकी युद्ध अपराधों का संक्षिप्त विवरण

एक “व्हिसलब्लोअर” की कहानी पर आधारित [इनपुट : अमेरिकी पत्रिका ‘ट्रुथआउट’ में प्रकाशित मार्जोरी कोहन का एक निबंध] अमेरिकी सैनिकों द्वारा ड्रोन हमले बड़े पैमाने पर हो रहे हैं. इतिहास बताता है कि इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि अमेरिका का राष्ट्रपति कौन है – कोई रिपब्लिकन या फिर कोई डेमोक्रेट। एक अनुमान के अनुसार, “2004 के बाद से अमेरिकी सैन्य और सीआईए ड्रोन अभियानों में 9,000 से 17,000 लोग मारे गए हैं, जिनमें 2,200 बच्चे और यहां तक कि कई अमेरिकी नागरिक भी शामिल हैं। ओबामा के 8 साल के कार्यकाल के दौरान कुल 1878 ड्रोन हमले हुए। जब डोनाल्ड ट्रम्प कार्यालय में आए, तो उनके पहले दो वर्षों के दौरान ही 2,243 ड्रोन हमले किए गए। अब जो बिडेन आये हैं. उन्होंने भी ड्रोन हमले की नीति को जारी रखने का वादा किया है, यहां तक कि अफगानिस्तान में...

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22 May 2021

अदृश्य मजदूर और अदृश्य व्यवस्था

यह लेख मैनचेस्टर आर्ट गैलरी द्वारा आयोजित कार्यक्रम में मेरे छोटे से भाषण पर आधारित है, जिसका शीर्षक है–– ‘कोविड 19 के दौरान हमने रोजगार के बारे में क्या सीखा और हमें क्या बदलाव लाने की जरुरत है?’ मैं क्लेयर गैनवे और अपने सहकर्मियों का आभारी हूँ कि उन्होंने मुझे आमंत्रित किया और इन दो चित्रों के इस्तेमाल की अनुमति दी। मैनचेस्टर आर्ट गैलरी द्वारा की जा रही इस समीक्षा में, कि इसके विशाल संग्रह में से सार्वजनिक प्रदर्शन के लिए किसे चुनना चाहिए, जिससे प्रदर्शित कलाकृति को हमारे लोगों और हमारे समय के लिए और अधिक प्रासंगिक कैसे बनाया जाये, मुझे उनके संग्रह में से कुछ चित्रों का चयन करने के लिए कहा गया था। मैंने दो चित्र चुने और उन पर अपने विचार प्रकट किये।

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16 Dec 2020

कोविड-19 और आपदा पूंजीवाद

अनुवाद -- ज्ञानेंद्र  माल-श्रृंखला और आर्थिक-पर्यावरणीय-महामारी-विज्ञान संकट  कोविड-19 ने पूंजीवाद द्वारा थोपी गयी परस्पर संबद्ध दुर्बलताओं-पर्यावरण संबंधी, महामारी-विज्ञान संबंधी और आर्थिक- को अभूतपूर्व रूप से बढ़ा दिया है। दुनिया 21वीं सदी के तीसरे दशक में प्रवेश कर रही है और हम आपदा पूंजीवाद का आविर्भाव होते देख रहे हैं। व्यवस्था का ढांचागत संकट वैश्विक आयाम ग्रहण कर चुका है।       20वीं सदी के अंत से पूंजीवादी वैश्वीकरण के दौरान लगातार ऐसी परस्पर संबद्ध माल-श्रृंखलाओं को अपनाया गया है जिनका नियंत्रण बहुराष्ट्रीय निगमों के हाथ में है। ये श्रृंखलाएं मुख्य रूप से ‘दक्षिण’ में स्थित विभिन्न उत्पादक क्षेत्रों को आमतौर पर ‘उत्तर’ में स्थित वैश्विक उपभोग, वित्त और पूंजी-संचय के सर्वोच्च केंद्रों से जोड़ती हैं। ये माल-श्रृंखलाएं ही पूंजी के वैश्विक माल परिपथों का निर्माण करती हैं और एकाधिकारी-वित्तीय पूंजी के सामान्यीकृत उभार से पहचाने जाने वाले हाल के साम्राज्यवाद की...

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24 Apr 2020

सामाजिक जनवाद की सनक

अमरीका में सामाजिक जनवाद के बड़े चेहरे ‘बर्नी सैंडर्स’ को अंत में राष्ट्रपति के प्रत्याशी से खुद को हटा देना पड़ा। यह उन ताकतों के लिए जोरदार झटका है, जो मौजूदा नवउदारवादी दौर में सामाजिक जनवाद का झण्डा उठाए हुये हैं। दूसरी ओर, कोरोना महामारी के दौर में लॉकडाउन के चलते दुनिया भर के मजदूर वर्ग और दूसरे गरीब तबकों पर भारी मार पड़ी है, उनकी मदद के लिए एक बार फिर कल्याणकारी लोक-लुभावनवादी कार्यक्रमों की माँग उठ रही है। इस तरह पूंजीवाद के अंदर ही समस्या के समाधान को पेश किया जा रहा है। इससे जरूर ही सामाजिक जनवादी तर्कों को बल मिलेगा। लेकिन लेखक ने यहाँ साफ तौर पर दिखाया है कि ऐतिहासिक रूप से सामाजिक जनवाद दिवालिया हो चुका है और वह दुनिया को कोई बेहतर भविष्य उपलब्ध नहीं करा सकता, सिवाय पूंजीवाद के सेज पर खुद को नग्न परोसने...

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22 Apr 2020

लातिन अमरीका के मूलनिवासियों, अफ्रीकी मूल के लोगों और लातिन अमरीकी संगठनों का आह्वान

कोविड– 19 ने पूरी दुनिया में जो संकट पैदा किया है उसने आबया-याला यानी लातिन अमरीकी लोगों को एक चौराहे पर लाकर खड़ा कर दिया है। लोकप्रिय जन-संगठन व्यवस्था के सड़ांध की बदतरीन इजहारों के खिलाफ प्रतिरोध की अग्रिम पंक्ति में खड़े हैं। हम एक चौतरफा संकट से गुजर रहे हैं, जिसने जीवन को उसके सभी रूपों समेत खतरे में डाल दिया है। कोविड– 19 एक ऐसे समय में महामारी बन गया है, जब पूंजीवादी संकट घनीभूत हो रहा है और आर्थिक ताकतें कॉर्पोरेट मुनाफा दर के भार को मजदूर वर्ग के कंधों पर डाल दे रही हैं। नवउदारवादी बदलाओं के फलस्वरूप यह स्वास्थ्य प्रणालियों के कमजोर पड़ने,  निर्वाह की परिस्थितियों के बिगड़ने और सार्वजनिक क्षेत्र के विनाश के साथ-साथ घटित हुआ है। विदेशी ऋण, अंतर्राष्ट्रीय संगठनों और सम्प्रभुता के खिलाफ साम्राज्यवाद के स्थायी उत्पीड़न से पीड़ित, हम बहुत गम्भीर नतीजों वाले एक...

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20 Apr 2020

फिदेल कास्त्रो: सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था के हिमायती

यह लेख 21 दिसम्बर 2016 को डाउन-टू-अर्थ की वेबसाइट पर छप चुका है। लेकिन कोरोना महामरी के मौजूदा दौर में क्यूबा, फिदेल कास्त्रो और उनकी सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था फिर से चर्चा के केंद्र में आ गयी है। इसी को ध्यान में रखते हुए उस लेख के हिंदी अनुवाद को यहाँ फिर से साभार प्रस्तुत किया जा रहा है।   फिदेल एलेजांद्रो कास्त्रो रूज़ का निधन वैश्विक सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था के लिए एक बहुत बड़ी क्षति है। लगभग आधी सदी तक फिदेल क्यूबा के नेता रह। उन्होंने न केवल देश के भीतर स्वास्थ्य सेवा को बेहतर बनाने के अनुकरणीय पहल का नेतृत्व किया, बल्कि यह भी सुनिश्चित किया कि किसी भी प्राकृतिक आपदा के समय क्यूबा के डॉक्टर विकासशील देशों में पहुंचकर वहाँ की जनता को अपनी सेवाएं दे सकें। फिदेल के नेतृत्व में क्यूबा के चिकित्सा वैज्ञानिकों ने बहुत सारी बीमारियों, जिनमें मेनिन्जाइटिस...

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