अनियतकालीन बुलेटिन

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क्या है जो सभी मेहनतकशों में एक समान है?

(25 मई को अमरीका में एक पुलिस अधिकारी ने जार्ज फ्लायड नाम के निर्दोष अश्वेत अमरीकी सख्स की गर्दन दबाकर हत्या कर दी। दम घुटने पर जार्ज फ्लायड ने कहा था कि “आई काण्ट ब्रीद” (मैं साँस नहीं ले पा रहा हूँ)। पुलिस की इस क्रूर कार्रवाई और रंगभेद के खिलाफ “आई काण्ट ब्रीद” और “ब्लैक लाइफ मैटर” नारे के साथ आन्दोलन अमरीका ही नहीं पूरी दुनिया में फैल गया। आन्दोलनकारियों ने न तो कोरोना महामारी की परवाह की और न ही लॉकडाउन की। अमरीका में अश्वेत लोगों के साथ लाखों गोरे नागरिक भी आन्दोलन में शामिल हुए, जिससे घबराकर राष्ट्रपति ट्रम्प ने आन्दोलनकारियों को धमकाने वाले कई बयान दिये। ट्रम्प के नस्लभेदी रवैये और धमकियों ने आग में घी का काम किया और आन्दोलन ने और जोर पकड़ ली। आन्दोलनकारियों ने राष्ट्रपति भवन को घेर लिया। ट्रम्प को भवन के बंकर में छिपकर अपना बचाव करना पड़ा। ऐसा दुनिया के इतिहास में पहली बार हुआ । दमन के लिए भेजी गयी सेना भी आन्दोलनकारियों के साथ हो गयी। एक सैन्य अधिकारी ने कहा कि राष्ट्रपति ट्रम्प की कार्रवाई असंवैधानिक है। जार्ज फ्लायड के सुनहरे ताबूत की झलक पाने के लिए 30 हजार से अधिक लोग उमड़ पड़े।)

इस घटना ने दुनिया भर में नस्लवाद, मजदूर वर्ग और विरोध-प्रदर्शन पर विचार-विमर्श को तेज कर दिया है. यह लेख इसी से जुड़े हुए पहलुओं को सामने लाता है

सभी मेहनतकश लोगों में कौन-सी चीज समान है, भले ही उनके तथाकथित नस्ल या चमड़ी के रंग अलग-अलग हों? एक ऐसी राजनीतिक और आर्थिक व्यवस्था के वर्चस्व के मातहत उनका एक अनिश्चित अस्तित्व, जहाँ सारी सत्ता राष्ट्र के (और दुनिया के) मुट्ठीभर लोगों-- बड़े बैंकर और कॉर्पोरेट मालिक वर्ग के हाथों में संकेंद्रित है। यह बड़े पूंजीपतियों का एक प्रतिशत है, जिन्होंने दुनिया के मजदूर वर्ग के श्रम से निर्मित धन का बहुत बड़ा हिस्सा संचित किया है। यहां तक कि हमारे शासक खुद अपने ही वॉल स्ट्रीट जर्नल और न्यू यॉर्क टाइम्स जैसे तमाम समाचार पत्रों में भी पूरी दुनिया में साफ तौर पर दिखने वाली इस सच्चाई को नकारने में असमर्थ रहे हैं। एक प्रतिशत का शासन !!

सभी मेहनतकश लोगों में कौन-सी चीज समान है, भले ही उनके तथाकथित नस्ल या चमड़ी के रंग अलग-अलग हों?

कैसे वे इस संकेंद्रित शक्ति के जरिये इतने लंबे समय तक अपनी व्यवस्था की विफलताओं का सामना करने में कामयाब रहे हैं जिन्होंने लाखों लोगों को जिंदगी, स्वतंत्रता और जीवित रहने के साधनों से वंचित किया, जो बहुत कम खुशी हासिल कर पाते हैं। इसका उत्तर यह है कि उन्होंने मीडिया के मालिकाने पर कब्जा करके बड़े पैमाने पर मीडिया को और दो प्रमुख राजनीतिक दलों को नियंत्रित किया। साथ ही, ट्रेड यूनियनों से शुरू करते हुए, न सिर्फ श्रमिक वर्ग के किसी भी स्वतंत्र केंद्र को, बल्कि लगातार हमलों के जरिये उन वैकल्पिक राजनीतिक विचारों और रणनीतियों को जो श्रमिकों को एकजुट करने की कोशिश करती हैं, जैसे-- समाजवाद, साम्यवाद, यहां तक कि लोकतंत्र की एक समझ भी जिसमें आर्थिक के साथ-साथ आर्थिक विकास भी शामिल है, उन सबको कमजोर करने और नष्ट करने के लिए दिन-रात काम किया। इसके अलावा, ऐतिहासिक रूप से, हमारे शासकों ने मजदूरों के बीच विभाजन को बढ़ावा दिया है।

लब्बोलुआब यह कि पूंजी के शासन के तहत, मजदूर और उनके परिवार न तो रोजगार पैदा करते हैं और न ही उन्हें छीनते हैं। पूँजीपति मालिक ही ऐसा करते हैं। फिर भी वे अपनी व्यवस्था की विफलताओं की कोई भी जिम्मेदारी अपने ऊपर नहीं लेते हैं, जिनकी वजह से लाखों लोग बिना रोजगार के, बिना घर के, बिना इलाज और देखभाल के, यहां तक कि बिना पर्याप्त भोजन के छोड़ दिये जाते हैं! और जब भी मजदूरों ने इसके खिलाफ संगठित होने की कोशिश की, तो वे पुलिस और कभी-कभी सैनिक हिंसा से उनका मुकाबला करते हैं। आप आज भी शिकागो पुलिस द्वारा रिपब्लिक स्टील के हड़ताली मजदूरों (जिनमें सभी गोरे थे) पर पीछे से गोली चलाये जाने वाली फिल्म देख सकते हैं जब वे महामंदी के दिनों में हड़ताल के दौरान पुलिस की हिंसा से भागने की कोशिश कर रहे थे। और हमारे इतिहास में इस तरह के कई-कई उदाहरण मौजूद हैं। अपनी स्थापना के बाद से से पुलिस वास्तव में "असमानता का प्रबंधन करने और यथास्थिति को बनाए रखने का एक उपकरण" रही है। एलेक्स एस विटाले ने पुलिस के इतिहास पर अपनी महत्वपूर्ण किताब, "द एंड ऑफ पोलिसिंग" में इस अंतर्दृष्टि को विकसित किया है। (यह किताब वर्सो प्रकाशन से मुफ्त में उपलब्ध है)।

और हमारे शासक बहुत ही चतुर और कुटिल रहे हैं। औपनिवेशिक काल में मजदूरों को एकजुट होने और मालिक वर्ग की आर्थिक और राज्य शक्ति के खिलाफ उन्हें अपनी संख्या का इस्तेमाल करने से रोकने के लिए वे सभी सभी तरह के हथकंडे अपनाते थे। नस्लवाद, जो कि अमेरिका के मूल निवासियों के विनाश को और अफ्रीकियों की गुलामी को तर्कसंगत बनाने के लिए उनको किसी तरह "हीन" साबित करने और इसलिए उनके साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार करने और कभी-कभी नरसंहार और हमेशा अति-शोषक के योग्य चिह्नित करने की कोशिश करना सदियों से हमारे अमीर शासक वर्ग का लगातार उपयोगी हथियार बना रहा। वे इस देश के कुछ कम जागरूक गोरे मजदूरों के दिमाग में इस नस्लवाद को भरने में बहुत हद तक सफल हुए हैं, लेकिन हो सकता है कि वे पुराने दिेन "ब्लैक लाइव्स मैटर" आंदोलन के साथ अपने अंत की ओर बढ़े- बशर्ते यह आंदोलन हर संभव रूप-रंग वाले सभी मजदूरों को एक साथ लाने की जरूरत पर ध्यान केंद्रित कर पाये।

नस्लवाद, जो कि अमेरिका के मूल निवासियों के विनाश को और अफ्रीकियों की गुलामी को तर्कसंगत बनाने के लिए उनको किसी तरह "हीन" साबित करने और इसलिए उनके साथ क्रूरतापूर्ण व्यवहार करने और कभी-कभी नरसंहार और हमेशा अति-शोषक के योग्य चिह्नित करने की कोशिश करना सदियों से हमारे अमीर शासक वर्ग का लगातार उपयोगी हथियार बना रहा। वे इस देश के कुछ कम जागरूक गोरे मजदूरों के दिमाग में इस नस्लवाद को भरने में बहुत हद तक सफल हुए हैं, लेकिन हो सकता है कि वे पुराने दिेन "ब्लैक लाइव्स मैटर" आंदोलन के साथ अपने अंत की ओर बढ़े- बशर्ते यह आंदोलन हर संभव रूप-रंग वाले सभी मजदूरों को एक साथ लाने की जरूरत पर ध्यान केंद्रित कर पाये।

हम सभी के सामने लड़ने के लिए कुछ मुद्दे हैं। यदि हम दूसरों के अधिकारों के लिए नहीं खड़े होते हैं तो हम अपने खुद के अधिकारों को बचाने की उम्मीद नहीं कर सकते। हमें इस पूंजीवादी व्यवस्था का लेखाजोखा लेना होगा! इसने भारी संख्या में जनता को अपने जीवन पर नियंत्रण के बाहर छोड़ दिया है और खुद एक विकट अनिश्चित भविष्य का सामना कर रहा है। हम सभी को समुचित मजदूरी वाले स्थायी रोजगार की जरूरत है जो भोजन और आवास मुहैया करने के लिए पर्याप्त हो। एक मानव अधिकार के रूप में सभी के लिए स्वास्थ्य देखभाल की गारंटी होना जरूरी है। बिना किसी बाधा के, एक शैक्षिक प्रणाली तक हम सभी की पहुंच होनी चाहिए जो हमें सिखाये कि हमें एकजुट रहने के लिए क्या जानना चाहिए, जिसमें हमारे इतिहास का एक सही मूल्यांकन शामिल हो।

इसके बजाय, अब हमारे पास एक ऐसी प्रणाली है, जहां ऐसे लोग हैं जो अपनी जीविका चलाने के लिए कई मोर्चों पर अपनी जिंदगी के लिए एक खौफ के साथ काम करते हैं, जो कि कोविद महामारी की बदइंतजामी से शुरू होता है, जिसके चलते लाखों लोगों की जान चली गयी, जिनमें से विशाल बहुमत मजदूरों की है। इसमें संयुक्त राज्य अमेरिका (सैन्य-औद्योगिक परिसर) के उन बड़े मालिकों द्वारा छेड़े गए अंतहीन युद्धों में मारने वाले लोगों को भी शामिल कर लें, जिनको वे अपने साम्राज्य को बचाए रखने और अपनी तिजोरी भरने के लिए मार डालते हैं।

ये युद्ध किसानों और मज़दूर वर्ग के लोगों को सबसे ज्यादा संख्या में मार डालते हैं, जिनमें अमेरिकी सैनिक भी शामिल हैं, जिनको दुनिया भर के अनगिनत नागरिकों से लड़ने के लिए भेजा जाता है, जिनमें हमेशा ही गरीब लोग होते हैं-- महिलाएं, बच्चे और बूढ़े लोग जो बमबारी के समय भाग नहीं सकते हैं। इन साम्राज्यवादी युद्धों का अंत होना जरूरी है। सबसे बड़ी बात यह कि हमारे काले भाई और बहनों के खिलाफ पुलिस हिंसा को समाप्त करने की जरूरत है! और हर जगह मजदूरों के खिलाफ शासक वर्ग की हिंसा को खत्म करना जरूरी है।

हमें एक ऐसे समाज की आवश्यकता है, जो सबकी देखभाल, सहयोग और मानवीय जरूरतों के लिए उत्पादन पर आधारित हो और उसे इस तरह से संचालित किया जाये जिससे मानव अस्तित्व को बढ़ावा मिले और हम सब को जीवन देने वाली इस धरती का संरक्षण हो।

(चूक चर्चिल इतिहास के सेवानिवृत्त व्याख्याता हैं। उन्होंने कैल स्टेट चिको और ओरेगन स्टेट यूनिवर्सिटी में पढ़ाया। वे "थ्रू द नीडल आई: एलीट रूल एंड द इल्यूसंस ऑफ फ्रीडम" के लेखक हैं। काउंटरपंच से साभार। अनुवाद-- दिगम्बर)

Original Article
https://www.counterpunch.org/2020/06/12/what-do-all-working-people-have-in-common/

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