टैक्स की चोरी पर कार्रवाई का दावा करने वाले भारत के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के दोनों बेटों का नाम हेज फंड कम्पनी खोलने और टैक्स हैवन के जरिये कारोबार में सामने आया है।

इस घटना को ‘कारवाँ’ पत्रिका में ‘एक और डी कम्पनी’ के शीर्षक से प्रकाशित किया गया है। डी कम्पनी का शीर्षक अब तक दाउद इब्राहीम के गैंग को दिया जाता था, आज अजीत डोभाल और उनके बेटों–– विवेक और शौर्य के कारनामों को दिया गया है।

एक खोजी पत्रकार ने अमरीका, इंग्लैंड, सिंगापुर और केमैन आइलैंड से व्यापारिक दस्तावेज इकट्ठे करके डोभाल के बेटों की कम्पनियों का खुलासा किया है। ये कम्पनियाँ हेज फंड और ऑफशोर के दायरे में आती हैं।

केमैन आइलैंड एक टैक्स हैवन है, जो टैक्स चोरों की जमात का एक अड्डा है। “टैक्स हैवन” ऐसे देश हैं, जहाँ अन्य देशों के मुकाबले बहुत कम टैक्स लगता है। ऐसे देशों में कम्पनी खोलना अपने आप में सन्दिग्ध है।

प्रधानमंत्री मोदी द्वारा नोटबन्दी की घोषणा के तेरह दिन बाद, 21 नवम्बर 2016 को केमैन आइलैंड में विवेक डोभाल ने अपनी कम्पनी का पंजीकरण कराया था। इसके साथ ही यह भी पता चला है कि विवेक डोभाल भारत का नागरिक नहीं है, बल्कि वह इंग्लैंड का नागरिक है, सिंगापुर में रहता है और जी एन वाई एशिया कम्पनी का निदेशक है। इसकी और जाँच पड़ताल के बाद यह भी स्पष्ट हुआ कि डोभाल के दोनों बेटों का कारोबार एक–दूसरे से जुड़ा हुआ है। जबकि कानूनी तौर पर वे इसे अलग–अलग दिखाते हैं। शौर्य डोभाल केमैन आइलैंड स्थित एक दूसरी कम्पनी, जे एस एम ए प्राइवेट लिमिटेड का प्रमुख है। उसकी कम्पनी के कई अधिकारी विवेक डोभाल की कम्पनी में भी काम करते हैं। इससे यह बात पुख्ता हो जाती है कि यहाँ किसी वित्तीय घोटाले की खिचड़ी पक रही है। विवेक डोभाल के अलावा उसकी कम्पनी के दो अन्य निदेशक भी हैं–– डॉन डब्ल्यू ईबैक्स और मोहम्मद अलताफ मुस्लियाम।

डॉन डब्ल्यू ईबैक्स का नाम इंडियन एक्सप्रेस द्वारा छापे गये पैराडाइज पेपर्स में भी आ चुका है। उसके पहले इसका नाम इसी तरह फर्जी कम्पनियाँ खोलने, और निवेश के नाम पर पैसे को इधर से उधर करने के मामले में पनामा पेपर्स में आया था। पैराडाइज पेपर्स और पनामा पेपर्स दोनों में ही वॉल्कर्स कॉरपोरेट लिमिटेड का नाम है, जो विवेक डोभाल की कम्पनी की संरक्षक कम्पनी है।

गौरतलब है कि 2017 के पैराडाइज पेपर्स की तरह, 2015 के पनामा पेपर्स में भी दुनियाभर के उन वित्तीय घोटालेबाजों का नाम सामने आया था, जो टैक्स चोरी के लिए पनामा ‘टैक्स हैवन’ के जरिये व्यापार करते हैंं। यह बहुत आपत्तिजनक बात है कि एक ओर सरकार काला धन वापस लाने की बात करती है और काले धन के खिलाफ लड़ाई की बात करती है, तो दूसरी ओर सरकार के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल के बेटों का खुला खेल है, जो न केवल टैक्स हैवन के जरिये व्यापार करके अपनी तिजोरी भरते हैं, बल्कि वित्तीय हेरा–फेरी भी करते हैं। इसके लिए उन्होंने वित्तीय तंत्र का पूरा जाल बिछा रखा है।