10 मार्च को चुनाव आयोग ने अप्रैल से मई तक 7 चरणों में लोकसभा चुनाव की घोषणा की। उसी दिन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं की सभा में यह कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य कार्यवाही भाजपा का चुनावी मुद्दा होगा। इसमें अचरज की कोई बात नहीं, क्योंकि आर्थिक मुद्दे पर पूरी तरह विफलता, तीन राज्यों के चुनाव में पार्टी की पराजय और राफेल सौदे को लेकर विवादों में घिरे नरेंद्र मोदी और भाजपा के तमाम नेता चुनाव की घोषणा से पहले ही इस त्रासद घटना को लेकर युद्ध ज्वर फैलाने में जुटे थे। मीडिया और टीवी चैनल देश की तमाम बुनयादी समस्याओं को दरकिनार करते हुए सत्ताधारी पार्टी के मंसूबों को आगे बढ़ाने में दिन रात एक किये हुए थे।